खरगोन जिले में जिरातपुरा फाटे के पास शनिवार को एक गंभीर सड़क हादसा हो गया। जब एक तेज़ रफ्तार बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई और करीब इक्कीस यात्री घायल हो गए। इनमें से ग्यारह की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसा जिस जगह पर हुआ वह जिला मुख्यालय से ४२ किमी दूर है। घायलों का इलाज खरगोन के अस्पताल में जारी है। सभी लोग धार्मिक यात्रा पर थे और नर्मदा नदी की परिक्रमा कर रहे थे। ये बस खरगोन से आलीराजपुर की ओर जा रही थी, जिसमें 25 से अधिक यात्री सवार थे। अधिकतर यात्री दमोह जिले के रहने वाले थे, जो नर्मदा परिक्रमा के लिए गुजरात जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस तेज गति से चल रही थी और ड्राइवर का नियंत्रण खो जाने के कारण खाई में जा गिरी। दुर्घटना के बाद बस पलट गई, जिससे सवार यात्रियों को गंभीर चोटें आईं।
ड्राईवर की लापरवाही पड़ी भारी
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही सेगांव पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा। राहत और बचाव कार्य के लिए ग्रामीणों की मदद ली गई। दो जेसीबी मशीनों की सहायता से बस को सीधा किया गया और घायलों को बाहर निकाला गया। घायलों को पहले सेगांव अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। खरगोन एसपी धर्मराज मीणा ने मीडिया को बताया कि प्रारंभिक जांच में हाई स्पीड और ड्राइवर की लापरवाही हादसे की वजह मानी जा रही है। पुलिस ने बस के कंडक्टर को हिरासत में ले लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।
यात्रियों ने सुनाई की आपबीती
बस में सवार सलगजा गांव के रहने वाले मानक लाल ने बताया कि यात्रा के दौरान बस पहले ही यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी। उन्होंने कहा, “यात्रा के दौरान बस कई जगह रुक-रुककर अतिरिक्त यात्रियों को भी बिठा रही थी। दुर्घटना के समय बस खरगोन से गुजर रही थी और उसकी रफ्तार काफी तेज थी।” घटनास्थल के नजदीक रहने वाले ग्रामीणों ने दुर्घटना के तुरंत बाद घायलों को निकालने में बड़ी मदद की। स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क पर सुरक्षा संकेतक नहीं थे, जो दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बन सकते हैं। यह हादसा तेज गति और लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं के खतरनाक परिणामों की एक और मिसाल है। प्रशासन को यात्री बसों की फिटनेस और ड्राइवरों की सतर्कता पर ध्यान देना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।