भोपाल। केंद्र सरकार अपना बजट पेश करने जा रही है।  इसके पहले मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण हुआ। जिसमें उन्होंने भविष्य के भारत की कल्पना की और राष्ट्र निर्माण के संकल्प गिनाए। इस दौरान राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की प्रशंसा भी की।

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि हम एक ऐसा भारत बनाएंगे, जिसमें गरीबी न हो। अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड, स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी का, और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं। केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि बीते सालों में भारत सरकार ने साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना घर मुहैया करवाया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र का और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन है इसलिए बीते वर्षों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ाई चल रही है। हमने सुनिश्चित किया है कि व्यवस्था में ईमानदार का सम्मान होगा। पहले टैक्स रिफंड के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता था। आज ITR भरने के कुछ ही दिनों के भीतर रिफंड मिल जाता है। आज GST से पारदर्शिता के साथ-साथ करदाताओं की गरिमा भी सुनिश्चित हो रही है।

 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट में तकरार तो रहेगी लेकिन अच्छी तकरीर होने की भी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारत के बजट पर पूरी दुनिया की नज़रें हैं।

केंद्र सरकार का यह  बजट सत्र हंगामेदार रहने की उम्मीद है क्योंकि अडानी ग्रुप पर आई हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट और 2002 के गुजराज दंगों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री हालही में रिलीज़ हुई हैं। ऐसे में विपक्ष इन दोनों मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है। वहीं केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए अपनी पीठ थपथपाएगी। दरअसल आईएमएफ ने भारत की विकास दर 6.1 प्रतिशत होने का दावा किया है। विकास दर  का यह अनुमान पूर्व अनुमान से तो घटा हुआ है लेकिन अन्य देशों की तुलना में यह अधिक है ऐसे में मोदी सरकार के प्रशंसक सरकार की तारीफ़ कर रहे हैं।

बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर छह अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र के दौरान 27 बैठक होंगी। इससे पहले सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक में कहा है कि वह संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं और सदन सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों का सहयोग चाहती है।