मनरेगा मजदूरों की बढ़ी मजदूरीः नई दरें 1 अप्रैल से लागू, राजस्थान में मजदूरी सर्वाधिक


मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी दर में सात रुपये से लेकर 26 रुपये तक की वृद्धि की गई है और यह संशोधित मजदूरी दर 1 अप्रैल से लागू होगी।


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नई दिल्ली। मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत मिलने वाली मजदूरी दरों में बदलाव को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है।

मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी दर में सात रुपये से लेकर 26 रुपये तक की वृद्धि की गई है और यह संशोधित मजदूरी दर 1 अप्रैल से लागू होगी।

इस अधिसूचना को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की धारा 6(1) के तहत जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार इस नोटिफिकेशन के जरिये मजदूरी दर निर्धारित कर सकता है।

पिछले वर्ष की दरों की बात की जाए तो राजस्थान में मजदूरी दर सर्वाधिक दर्ज की गई है। राजस्थान में 2022-23 में मजदूरों को 231 रुपये मिलता था वहीं अब नई अधिसूचना के बाद मजदूरी 255 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मिलेगी।

इसके अलावा बिहार और झारखंड में भी आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इन दोनों राज्यों में दैनिक मजदूरी 210 रुपये थी और अब इसे संशोधित कर 228 रुपये कर दिया गया है।

कामकाजी श्रमिकों की संख्या लगभग 14.96 करोड़ है –

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जुड़े हुए कामकाजी श्रमिकों की संख्या लगभग 14.96 करोड़ है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष के दौरान 100 दिन का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध कराना है, जिससे व्यस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में स्थाई परिसंपत्तियों का निर्माण करना, जिससे आजीविका में वृद्धि हो।

सरकार ने उठाए कई महत्वपूर्ण कदम –

केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा के तहत श्रमिकों को समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वित्त वर्ष 2022-2023 में पांच लाख 9 हजार लोगों ने इस योजना के तहत रोजगार की मांग की, जिसमें सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 लाख 8 हजार लोगों रोजगार उपलब्ध कराया है।

सरकार ने हाल ही में 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड प्रबंधन प्रणाली (Ne-FMS) का विस्तार भी किया है।

इसके अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्यरत श्रमिकों की अटेंडेंस अब डिजिटल रूप से दर्ज हो रही है, जिसे केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2023 से लागू किया है और इसका उद्देश्य मनरेगा में पारदर्शिता लाना है।

हालांकि, सरकार के इस कदम का मनरेगा मजदूर विरोध जता रहे हैं और बीते एक माह से लगातार विरोध प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें काम मिलने व मजदूरी मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।



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