कारम नदी पर बांधः सरकार द्वारा ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार ही फिर से बनाएगा डैम


कारम नदी में फिर से बनेगा मिट्टी का बांध, लेकिन योजना बनाने की गति धीमी। जल संसाधन विभाग ने कहा- जल्द ही प्लान बन कर हो जाएगा तैयार।


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धार Published On :
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धार। जिले में कारम नदी पर बना मिट्टी का बांध फिर से बनाने के लिए बहुत धीमी गति से इसकी बुनियादी तैयारी की जा रही है। हालांकि, यह बात स्पष्ट हो गई है कि इस बांध को अनुबंध के आधार पर उसी ठेकेदार को फिर से बना कर देना होगा जिसे सरकार ने डैम टूटने के बाद ब्लैकलिस्टेड कर दिया था।

भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग इसको लेकर फिर से निर्माण करने की प्रक्रिया के बारे में तैयारी जरूर कर रहा है। अब तक इसमें रेत और मिट्टी से लेकर गिट्टी आदि के सैंपल लिए जा चुके हैं जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है।

बता दें कि बीते 14 अगस्त को दरार आने के कारण असुरक्षित हो चुके कारम बांध से पानी निकालकर धार व खरगोन जिले के करीब 21 गांव के लोगों को सुरक्षित किया गया था।

इस पूरी कवायद पर प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक लगातार अपनी नजर बनाए हुए था क्योंकि इसमें जरा सी चूक एक बहुत बड़ी आपदा को न्योता देने जैसा था।

हालांकि, इस मामले में जिस तरह से निपटा गया उसे आपदा प्रबंधन का एक बेहतर उदाहरण भी बताया गया। इसके लिए बकायदा राष्ट्रीय स्तर की एक टीम ने आपदा प्रबंधन की पूरी जानकारी भी ली थी।

हालांकि, ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार द्वारा ही बांध निर्माण करवाए जाने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि वर्तमान में बांध को फिर से बनाने के मामले में आखिर में क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

विशेष मशीन लगाकर लिए गए रेत-मिट्टी व गिट्टी के सैंपल – 

नईदुनिया में छपी एक खबर के मुताबिक, बांध को दोबारा बनाने के काम में फिलहाल केवल बुनियादी जानकारी संकलित की जा रही है। बाकायदा एक विशेष मशीन लगाकर रेत, मिट्टी और गिट्टी के सैंपल लिए गए हैं।

जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब हम वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में निर्माण फिर करने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। यह प्लानिंग नवंबर के अंत तक पूरी होने की बात भी कही जा रही है। जिस ठेकेदार द्वारा इस बांध को पूर्व में बनाया गया था, वही फिर से मिट्टी का बांध बनाएगा।

बता दें कि इस बांध के मामले में शासन ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को प्राथमिक रूप से लापरवाही के लिए निलंबित किया था। इसमें वरिष्ठ अधिकारी से लेकर कनिष्ठ इंजीनियर और मैदानी इंजीनियरों समेत 8 कर्मचारियों पर गाज गिरी थी।

नई टीम करवाएगी बांध का निर्माण – 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नई टीम के माध्यम से बांध निर्माण का कार्य करवाया जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि इस बांध को फिर से बनवाने के लिए जो प्लानिंग की जाएगी, वह अपने आपमें महत्वपूर्ण है। कोई लापरवाही फिर से नहीं हो, इस बात का ध्यान रखना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कदम होगा।

इधर एक प्रश्न खड़ा हो रहा है कि जिस तरह से मिट्टी के बांध का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। उसके बाद क्या बांध को फिर से बनाना होगा या फिर वर्तमान में जो संरचना मौजूद है, उसमें ही सुधार किया जाएगा। इस मामले में तकनीकी लोगों का यही कहना है कि इसे फिर से पूरा बनाना होगा और इसमें काफी लंबा समय लगेगा।

ठेकेदार को फिर से खर्च करने होंगे 100 करोड़ रुपये – 

बता दें कि वर्तमान में जो निर्माण कार्य हुआ है वह करीब 100 करोड़ रुपये का है। इसकी बुनियादी और प्राथमिक चरण की लागत करीब 303 करोड़ रुपये है। इस तरह से मिट्टी के बांध को बनाने के लिए 100 करोड़ ठेकेदार को फिर से खर्च करना होंगे।

जल संसाधन विभाग, इंदौर ने बांध निर्माण का ठेका लेने वाली दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर 50 प्रतिशत काम करने वाली ग्वालियर की फर्म सारथी कंस्ट्रक्शन के सिविल ठेका पंजीयन निरस्त करते हुए दोनों ही कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है। इसके बावजूद इस क्षतिग्रस्त और निर्माणाधीन बांध के अधूरे काम को आगे भी यह इन्हीं कंपनियां ही पूरा करेंगी।

इन कंपनियों का यह काम तीसरा ठेकेदार कर रहा था इसलिए आगे भी वही काम करेगा। इन फर्मों के पंजीयन निरस्त किए जाने और ठेकेदारों को काली सूची में डाले जाने संबंधी सभी प्रतिबंध इन दोनों ही फार्मों पर भविष्य में निलंबन अवधि तक ही रहेंगे।

निलंबन समाप्त होते ही इन फार्मों और ठेकेदारों पर लगे सभी प्रतिबंध स्वतः: समाप्त हो जाएंगे। लेकिन इससे पहले ही यह दोनों ही कंपनियां निमार्णाधीन कारम बांध का निर्माण कार्य पूरा करेंगी। हालांकि, निलंबन अवधि में यह ठेकेदार किसी भी नाम या तरीके से कोई नया ठेका नहीं ले सकेंगे।

पुरानी कंपनी या ठेकेदार को ही बनाना होगा बांध – 

कारम बांध के फिर से निर्माण के लिए भोपाल के अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्लान बनाया जा रहा है। इस पर जल्द कार्य पूरा कर लिया जाएगा। तय है कि बांध को फिर से पुरानी कंपनी यानी ठेकेदार को ही बनाना होगा। ठेकेदार को अनुबंध के तहत कार्य करना होगा। इस मिट्टी के बांध को पूरा ही नए सिरे से बनवाया जाएगा।

– ए चौहान, यंत्री, जल संसाधन विभाग, धार



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