करणी सेना का आंदोलनः मंत्री बोले चर्चा के लिए तैयार, करणी सेना बोली- लिखित में दें आश्वासन


करणी सेना परिवार के मांग पत्र में शामिल 22 मांगों में कुछ मांगें ऐसी हैं जिनपर निर्णय राज्य के अधीन नहीं हैं। चुनावी साल में सरकार आरक्षण, ऐट्रोसिटी एक्ट में संशोधन जैसे मुद्दे को छेड़कर परेशानी नहीं बढ़ाना चाहती।


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भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल में करणी सेना परिवार का आंदोलन तेज होता जा रहा है और करनी सेना के लोग अपनी 21 सूत्रीय मांगों का लिखित में सरकार की ओर से निराकरण के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

बीते तीन दिन से भोपाल के भेल इलाके में करणी सेना का आंदोलन जारी है और इसकी वजह से भेल, पिपलानी, अवधपुरी जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रविवार शाम से लेकर सोमवार तक करणी सेना परिवार के प्रतिनिधियों की मंत्री अरविंद भदौरिया से चार बार बैठक तो हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया।

दूसरी तरफ, करणी सेना परिवार के आंदोलन की आग प्रदेश के दूसरे जिलों में भी फैल रही है। मंगलवार को आगर और शाजापुर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुतले जलाए गए हैं।

वहीं, सोमवार को करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर अपने साथियों के साथ जंबूरी मैदान से एमपी नगर के लिए बढ़े, तो उन्हें पुलिस ने भेल के गांधी चौराहे पर ही बैरिकेडिंग कर रोक लिया।

मंगलवार को भी करणी सेना के लोग अवधपुरी जाने वाली रोड पर ही धरने पर बैठे हुए हैं। यहां वे लोग श्रीराम स्तुति और भजन गाकर अपना विरोध जता रहे हैं।

प्रदर्शन में शामिल होने विभिन्न जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि उनकी 21 सूत्रीय मांगें सही हैं और वे लोग नहीं बल्कि सरकार उन्हें परेशान कर रही है।

प्रदर्शन में शामिल कई लोगों ने कहा कि यदि कांग्रेस हमारी मांग का समर्थन करती है तो अच्छी बात है। उनका कहना था कि उनकी मांगों का तो सभी राजनैतिक दलों को समर्थन करना चाहिए।

इसके साथ ही कुछ लोग यह भी कहते हुए सुने गए कि यदि कांग्रेस पार्टी हमारी मांगों का समर्थन करती है तो हमारी 22 सूत्रीय मांग को विधानसभा में उठाएं।

बता दें कि करणी सेना परिवार के मांग पत्र में शामिल 22 मांगों में कुछ मांगें ऐसी हैं जिनपर निर्णय राज्य के अधीन नहीं हैं। चुनावी साल में सरकार आरक्षण, ऐट्रोसिटी एक्ट में संशोधन जैसे मुद्दे को छेड़कर परेशानी नहीं बढ़ाना चाहती।

दूसरी तरफ, करणी सेना के लोग मांगों पर लिखित में आश्वासन के साथ ही मंत्रियों की कमेटी बनाने और करणी सेना के लोगों को उस कमेटी में रखने की जिद पर अड़े हैं।

करणी सेना परिवार के लोगों को मनाने का काम सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया को सौंप रखा है जिनसे पांच बार करणी सेना के प्रतिनिधिमंडल की चर्चा हुई जो बेनतीजा रही है।



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