किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, लाल किले में हिंसा करने वालों पर राजद्रोह का केस


26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिए। साथ ही साथ ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हिंसा करने वालों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है।


Manish Kumar Manish Kumar
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नई दिल्ली। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिए।

इसका मतलब यह है कि अब ये किसान नेता बिना इजाजत विदेश नहीं जा सकेंगे और उनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे। पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, तीन दिन में इसका जवाब दें।

जिन नेताओं को नोटिस दिए गए हैं उनमें से छह के नाम अभी तक सामने आए हैं। ये नेता हैं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल और जगतार सिंह बाजवा।

पुलिस ने जो नोटिस दिया है उसमें यह भी कहा है कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में तोड़फोड़ करना एक देश विरोधी हरकत है। इसके एक घंटे बाद ऐसी खबरें आने लगीं कि ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हिंसा करने वालों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है।

टिकैत को नोटिस देने पुलिसकर्मी दोपहर गुरुवार दोपहर साढ़े 12 बजे गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे, लेकिन टिकैत नोटिस लेने के लिए सामने नहीं आए तो पुलिस ने उनके टेंट पर नोटिस चिपका दिया। जगतार सिंह बाजवा ने भी मीटिंग में होने की बात कहकर नोटिस नहीं लिया। ऐसे में पुलिस उनके टेंट पर नोटिस चिपकाकर लौट गई।

उधर, किसान नेता युद्धवीर सिंह ने हिंसा की घटनाओं पर माफी मांगते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन जो हुआ वो शर्मनाक है। मैं गाजीपुर बॉर्डर के पास था। जो उपद्रवी वहां घुसे उनमें हमारे लोग शामिल नहीं थे। फिर भी मैं शर्मिंदा हूं और 30 जनवरी को उपवास रखकर हम प्रायश्चित करेंगे।

वहीं दूसरी तरफ, ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ एफआईआर हो चुकी है, लेकिन उनके तेवर नहीं बदले हैं। टिकैत ने अब सरकार को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी है क्योंकि गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार रात 8 बजे बिजली काटने से टिकैत गुस्सा हो गए।

टिकैत ने कहा कि सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। इस तरह की कोई भी हरकत पुलिस-प्रशासन न करे। अगर इस तरह की हरकत करेगा तो सारे बॉर्डर वहीं हैं। ठीक है…और वे किसान जो गांवों में हैं वहां पर उनको बता देंगे। फिर अगर कोई दिक्कत होती है तो वहां के जो लोकल के थाने हैं, किसान वहां पर जाएंगे। ये सरकार पूरी तरह ध्यान रख ले। इस तरह की कोई भी हरकत वहां होगी तो पूरी जिम्मेदारी सरकारों की होगी।



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