किसान आंदोलनः रोते हुए बोले राकेश टिकैत- कानून वापस लो नहीं तो कर लूंगा खुदकुशी


टिकैत ने रोते हुए कहा कि किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है। अगर सरकार ने कानून वापस नहीं लिए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मैं इस देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।


Manish Kumar Manish Kumar
बड़ी बात Published On :
rakesh tikait crying

नई दिल्ली। दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के दो दिन बाद प्रशासन द्वारा किसानों से गाजीपुर बॉर्डर का इलाका खाली करने को कहने के बाद धरने पर बैठे कई किसान वहां से चले गए।

वहीं, शाम होते-होते दिल्ली और यूपी की पुलिस बड़ी संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गई। ये देखकर, कुछ समय पहले तक सरकार को चेतावनी दे रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आंसू निकल आए।

टिकैत ने रोते हुए कहा कि

किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है। अगर सरकार ने कानून वापस नहीं लिए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मैं इस देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।

टिकैत ने आगे कहा कि आंदोलन खत्म करवाने के लिए इतनी बड़ी साजिश होगी, मुझे पता नहीं था। मैंने सब लोगों के खिलाफ जाकर भाजपा को वोट दिया था। मेरी बीवी ने किसी और को वोट दिया था, लेकिन मैंने भाजपा को वोट दिया। उन्हें वोट देकर मैंने गद्दारी की थी। ये सरकार किसान बिरादरी को पूरे देश में बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

आंदोलन स्थल पर पानी की सप्लाई बंद करने के खिलाफ राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर ही यह कहते हुए अनशन शुरू कर दिया कि अब वे गाजियाबाद का पानी नहीं पिएंगे। जब गांव से पानी आएगा तभी पानी पिएंगे।

इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने गुरुवार दोपहर को कहा था कि न तो सरेंडर करूंगा, न ही धरना खत्म करूंगा। अगर गोली चलनी है तो यहीं चलेगी।



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