महाराष्ट्र संकटः एकनाथ शिंदे ने ठुकराया सीएम का ऑफर, बोले- बेमेल गठबंधन से बाहर आना जरूरी


सूत्रों के मुताबिक बहुमत की संख्या नहीं होने की स्थिति में उद्धव सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं और महाविकास अघाड़ी सरकार विधानसभा भंग करने की सिफारिश भी कर सकती है।


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बड़ी बात Updated On :

मुंबई/गुवाहाटी। उद्धव ठाकरे पहले तो अपनी सरकार ही बचाने की कोशिश में लगे थे लेकिन अब उन्हें अपनी पार्टी बचाने में जुटना पड़ गया है। बागी हो चुके पार्टी नेता एकनाथ शिंदे के सामने वे बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।

उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के सामने प्रस्ताव रखा है कि वे सामने आकर बात करें और शिवसेना विधायक बोलें तो सीएम क्या, पार्टी प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हैं। इसके बाद पवार ने भी उद्धव को सलाह दी कि संकट टालने के लिए शिंदे को ही मुख्यमंत्री बना दिया जाए।

हालांकि, शिंदे के तेवर में कोई नरमी नहीं आई और वे लगातार ही आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। वे गठबंधन से बाहर होने की शर्त पर ही अड़े हैं। जब उद्धव ने फेसबुक लाइव पर शिंदे को सामने आकर बात रखने का ऑफर दिया तो शिंदे ने ट्वीट कर जवाब दिया।

शिंदे ने लिखा- गठबंधन बेमेल है और इसमें शिवसेना कमजोर हो रही है। कांग्रेस-राकांपा मजबूत हो रहे हैं। इस गठबंधन से बाहर आना जरूरी है और महाराष्ट्र के हित में फैसला लेना होगा।

इससे पहले, 34 बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया और इसकी जानकारी राज्यपाल तक भिजवा दी है। इस तरह अब शिवसेना में ठाकरे परिवार का साथ देने वालों से ज्यादा विधायक हैं जो एकनाथ शिंदे का साथ दे रहे हैं। ऐसे में शिंदे ने एक तरह से शिवसेना पर अपना कब्जा करने की कोशिश की है।

महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए एक बिगड़ते राजनीतिक संकट के बीच, महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक भी बुधवार को हुई। जहां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोविड -19 संक्रमित होने के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक के दौरान कैबिनेट के एजेंडे पर चर्चा हुई लेकिन राज्य में राजनीतिक संकट को  लेकर कोई बात नहीं की गई।

महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच संकटमोचक की भूमिका निभा रहे कमलनाथ की मुलाकात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नहीं हो पाई।

कमलनाथ पहले विधायक दल के नेता बाला साहेब थोराट से मिलने पहुंचे और वहां से बाहर निकलते वक्त उन्होंने जानकारी दी कि उद्धव ठाकरे कोरोना पॉजिटिव हैं, इसलिए अब वे उनसे मुलाकात नहीं कर पाएंगे और वे अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने जा रहे हैं।

हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी सीएम उद्धव से बात हुई है और उनका फिलहाल विधानसभा भंग करने के लिए सिफारिश करने की कोई योजना नहीं है।

इन सब के दौरान महाराष्ट्र में राज्य कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है जिसमें सीएम उद्धव ठाकरे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए हैं।

दूसरी तरफ, सूत्रों के मुताबिक बहुमत की संख्या नहीं होने की स्थिति में उद्धव सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं और महाविकास अघाड़ी सरकार विधानसभा भंग करने की सिफारिश भी कर सकती है।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर इसके संकेत भी दिए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- महाराष्ट्र में जो पॉलिटिकल हलचल है, वो विधानसभा भंग करने की दिशा में बढ़ रही है।

वहीं, सूबे में मची सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने अपने ट्विटर बायो से मंत्री पद हटा लिया है। आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन और पर्यावरण विभाग के मंत्री हैं।

बता दें कि एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ स्पेशल फ्लाइट से बुधवार सबेरे 6.20 बजे सूरत से गुवाहाटी पहुंचे। बहरहाल, बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उन्हें कुल 46 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जिनमें 6 निर्दलीय शामिल हैं।

हालांकि, इसके पहले सूरत के होटल में जो उनकी ग्रुप तस्वीर आई है उसमे कुल 35 विधायक दिख रहे हैं। वीडियो में शिवसेना के एकनाथ शिंदे और उनके साथ दिख रहे विधायकों के नाम

एकनाथ शिंदे
प्रताप सरनाइक
श्रीनिवास वनगा
अनिल बाबर
नितिन देशमुख
लता सोनावने
यामिनी जाधव
संजय सिरसाट
महेंद्र दलवी
भारत गोगवले
प्रकाश सर्वे
सुहास कांदे
बच्चू कडु (प्रहार पार्टी)
नरेन्द्र बोंडेकर (निर्दलीय – अमरावती)
संजय गायकवाड़
संजय रायमुलकर
बालाजी किन्हीकर
रमेश बोरनारे
चिमणराव पाटील
किशोर पाटील
नितिनकुमार तले
संदीपान बुमरे
महेंद्र थोरवे
राजकुमार पटेल (निर्दलीय)
शनराज चौगुले
प्रदीप जैसवाल
प्रकाश अबिटकर
शाहजी पाटिल
विश्वनाथ भोइर
शांताराम मोरे
तानाजी सावंत
महेश मोरे
शंभुराजे देसाई
उदयसिंग राजपूत
अब्दुल सत्तार हैं।

इससे पहले, बुधवार सुबह बात करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा सत्ता जाएगी, लेकिन पार्टी की प्रतिष्ठा से समझौता नहीं करेंगे। शिंदे ने कोई शर्त नहीं रखी है। पार्टी बनाने में उनका योगदान रहा है। हम लगातार संपर्क में हैं और सभी विधायक शिवसेना में ही रहेंगे। ऑपरेशन लोटस सफल नहीं हो पाएगा।



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