मप्र कैबिनेटः ट्रांस जेंडर्स को ओबीसी आरक्षण और मोटे अनाज के उत्पादन और जागरुकता के लिए सरकार की नई नीति


सरकार ने लिए हैं कई अहम निर्णय


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बड़ी बात Published On :

भोपाल। प्रदेश सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट की अपनी बैठक में एक अहम फैसला लिया है और ट्रांस जेंडर्स को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके तहत वे भी ओबीसी के तहत आरक्षण के हकदार होंगे। यह फैसला अपने आप में ख़ास है और समाज के इस वर्ग को मजबूती देगा। देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रांसजेंडर्स को ओबीसी आरक्षण देने की मांग पहले से ही उठती रही है। प्रदेश सरकार ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिया है। सरकार ने पिछड़ा वर्ग सूची में 94वें नंबर पर ट्रांसजेंडर को शामिल किया है।

इसके अलावा सरकार ने मोटे अनाज पर लोगों को एक साथ लाने के लिए राज्य मिलेट मिशन की घोषणा की है। इसके लिए 23.25 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इस मिशन के तहत  मोटे अनाज की खेती के लिए भी बढ़ावा देने जा रही है। सरकार ने तय किया है कि राज्‍य मिलेट मिशन के तहत किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन के लिए 80% के अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्‍य मिलेट मिशन के तहत किसानों को मोटा अनाज के उत्पादन के लिए 80% के अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा।

इस नई कवायद के तहत अब सरकारी कार्यक्रमों में होने वाली भोजन व्यवस्था में कम से कम एक व्यंजन मोटे अनाज से बना हुआ होगा। इसके अलावा हफ्ते में एक दिन मिड-डे मील में बच्चों को और सरकारी हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों को भी भोजन में मोटा अनाज दिया जाएगा। इस मिशन को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए सरकार अगले दो वर्षों में बड़े कार्यक्रम करेगी और जन जागरण अभियान चलाएगी।

इसके अलावा सराकर ने किसानों को राहत दी है। गेहूं निर्यात करने वाले किसानों के मंडी शुल्क की भरपाई सरकार ने खुद करने का निर्णय किया है।  बीते साल मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। इसका उपार्जन मार्कफेड द्वारा किया गया था, लेकिन मार्कफेड से सिर्फ 25% मूंग केंद्र सरकार द्वारा ली गई थी। बाकी प्रति 75% मूंग का विक्रय मार्कफेड द्वारा किया गया था, जिससे किसानों के हित में लाभ मिल सके और उचित दाम मिल सके। सरकार ने यह निश्चित किया था कि मूंग को लेकर मार्कफेड को जो आर्थिक हानि हुई है, उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।



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