मध्यप्रदेश में धान से जुड़े उद्योग व इथेनॉल प्लांट के लिए जल्द ही सरकार लाएगी नई नीति


मध्यप्रदेश में धान से जुड़े उद्योगों व प्रदेश में इथेनॉल प्लांट बढ़ाने के लिए शिवराज सरकार जल्द ही नई नीति लेकर आएगी। एमएसएमई विभाग को इन दोनों की पॉलिसी बनाने की जिम्मेदारी सौपी गई है।


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भोपाल। मध्यप्रदेश में धान से जुड़े उद्योगों व प्रदेश में इथेनॉल प्लांट बढ़ाने के लिए शिवराज सरकार जल्द ही नई नीति लेकर आएगी। एमएसएमई विभाग को इन दोनों की पॉलिसी बनाने की जिम्मेदारी सौपी गई है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिसकी जानकारी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों को दी।

बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश में किसानों से उपार्जित धान की मिलिंग के संबंध में भी निर्णय लिया गया।

साथ ही विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत दरों में जो सबसिडी दी जाती है, उसे भी मंजूरी दी गई। ये वो सबसिडी है जो 5 हॉर्सपावर के पंप पर किसान को 51 हजार रुपये देना चाहिए और सरकार इस पर सबसिडी देती है और किसान को केवल 3,500 रुपये जमा करने होते हैं और बाकी राशि सरकार जमा करती है।

इसी तरह से 10 हॉर्सपावर के पंप पर एक लाख रुपये के लगभग सरकार जमा करती है। मध्यप्रदेश में 98 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनसे 100 रुपये महीना बिजली का बिल लिया जाता है।

उन्होंने बताया कि गुरुवार से सीएम सभी मंत्रियों के साथ वन टू वन चर्चा करेंगे और इसकी सूचना सभी मंत्रियों को पूर्व में ही दे दी जाएगी। सीएम ने निर्देश दिया है कि सोमवार को मंत्री समूहों की जो समितियां बनाई गई हैं, वो सभी समूह दो-तीन दिन में अपनी बैठकें कर लें और अपनी सिफारिशें-रिपोर्ट अनुशंसा सहित जमा कर दें।

मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि शासकीय सेवकों के लिए विशेष पैकेज त्योहार अग्रिम योजना लागू की गई थी, आज उसका भी अनुमोदन किया गया। पथ विक्रेताओं के खाते में जो पैसे डाले थे उसके लिए 60 करोड की अनुमति कैबिनेट द्वारा दी गई।



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