मंगलवार से शुरू होने वाली थी नर्सिंग की परीक्षा, हाईकोर्ट ने की रद्द


न्यायाधीश रोहित आर्या और मिलिंद फड़के की डबल बैंच ने सोमवार को फैसला सुनाया।


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ग्वालियर। प्रदेश में नर्सिंग परिक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक निराश करने वाला फैसला आया है। यह फैसला ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दिया है और नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगा दी है।

28 फरवरी मंगलवार से ही BSC नर्सिंग, BSC पोस्ट बेसिक, MSC नर्सिंग की परीक्षा शुरू होनी थी। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दो नोटिफिकेशन जारी करने के बाद सत्र 2019-21 के छात्रों को परीक्षा की अनुमति दी थी।

हालांकि, अब इसे भी रद्द कर दिया गया है। इस निर्णय से छात्रों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है और इसे लेकर वे खासे  निराश हैं।

सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया। याचिका में नर्सिंग कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता देने का आरोप लगाया गया है।

इसमें कहा था कि नर्सिंग कॉलेजों में पुराने शिक्षण सत्र की मान्यता गलत तरीके से दी गई है। कॉलेजों ने वर्ष 2019 से 2021 की संबद्धता जुलाई 2022 में ली थी, जो पूरी तरह गलत है। ऐसे में बीते सालों की परीक्षा कोई संस्थान तब कैसे ले सकता है जब उसके पास अनुमति ही नहीं थी।

इस जनहित याचिका में कहा गया कि इसी गलत मान्यता के आधार पर 28 फरवरी से परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इन पर रोक लगाने का आग्रह कोर्ट से किया गया।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने सभी परीक्षाएं आगामी आदेश तक स्थगित की हैं। न्यायाधीश रोहित आर्या और मिलिंद फड़के की डबल बैंच ने सोमवार को फैसला सुनाया।

कोर्ट के इस आदेश के बाद पीबी बीएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर, एमएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर और बीएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर की परीक्षाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य के 100 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में अटक गया है।



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