MP पंचायत चुनावः ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवराज सरकार


ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने के आदेश पर शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की है, जिसमें आग्रह किया गया है कि पिछड़ा वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।


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भोपाल। पंचायत और निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने के आदेश पर शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की है, जिसमें आग्रह किया गया है कि पिछड़ा वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।

मप्र सरकार के साथ-साथ कुछ किसान संगठनों ने भी इस संबंध में याचिका दायर की है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओबीसी आरक्षण के संबंध में सरकार द्वारा की जा रही कवायद के बारे में पत्र भी लिखा है।

बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जा रही है। हालांकि, पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में सियासत जारी है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कल ही पुनर्विचार याचिका प्रस्तुत कर दी है। आज जल्दी सुनवाई के लिए हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेंगे।

सभी कानूनी पहलूओं का अध्ययन करने के बाद शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर भी शासन द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर जो स्थिति निर्मित हुई है उसको लेकर उठाए जा रहे कदम के बारे में जानकारी दी गई है।

पंचायत चुनाव के पहले और दूसरे चरण के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि चुनाव प्रक्रिया तो जारी रहेगी लेकिन रिजल्ट्स की घोषणा पर रोक रहेगी।

किसान संगठनों ने भी लगाई याचिका

वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बताया कि कुछ किसान संगठनों द्वारा भी अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर रोक लगाए जाने के आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका लगाई गई है।



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