प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में छोड़ा नामीबिया से लाए गए चीते


पीएम मोदी ने पहले चीतों को हैंडल घुमाकर बाड़े में छोड़ा। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह के साथ चीतों की फोटो भी क्लिक की। फिर ताली बजाकर चीतों का जोरदार स्वागत किया। इसके बाद चीता मित्रों के साथ संवाद भी किया।


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cheetah in kuno

ग्वालियर। नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ा। इसके बाद बाड़े में विचरण करते हुए चीतों को पीएम ने कैमरे में कैद किया। चीतों के लिए क्वारंटाइन बाड़े में पानी के होज बनाए गए हैं।

पीएम मोदी ने पहले चीतों को हैंडल घुमाकर बाड़े में छोड़ा। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह के साथ चीतों की फोटो भी क्लिक की। फिर ताली बजाकर चीतों का जोरदार स्वागत किया। इसके बाद चीता मित्रों के साथ संवाद भी किया।

रिकॉर्डेड भाषण में पीएम मोदी ने चीते भेजने के लिए नामीबिया का आभार माना। पीएम मोदी ने चीता मित्रों से कहा- कूनो में चीता फिर से दौड़ेगा तो यहां बायोडायवर्सिटी बढ़ेगी। यहां विकास की संभावनाएं जन्म लेंगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने लोगों से अपील की कि अभी धैर्य रखें, चीतों को देखने नहीं आएं। ये चीते मेहमान बनकर आए हैं। इस क्षेत्र से अनजान हैं। कूनो को ये अपना घर बना पाएं, इसके लिए इनको सहयोग देना है।

बता दें कि नामीबिया से आए चीते कूनो अभयारण्य के क्वारंटाइन बाड़े में एक महीने तक रहेंगे। पर्यटकों को चीतों को देखने के लिए करीब तीन महीने जनवरी 2023 तक इंतजार करना होगा।

भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद इस प्रजाति को देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीते विशेष मालवाहक विमान से ग्वालियर लाए गए और वहां से चिनूक हेलिकॉप्टर द्वारा कूनो नेशनल पार्क पहुंचाया गया। मालवाहक बोइंग विमान ने शुक्रवार रात को नामीबिया से उड़ान भरी थी।

75 साल पहले वर्ष 1947 में देश में आखिरी बार चीता देखा गया था। छत्तीसगढ़ में कोरिया के महाराजा ने तीन चीता शावकों का एक साथ शिकार किया था। वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था। इसके बाद आज देश में फिर से चीतों की वापसी हुई है।



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