कुछ लोग किसानों को डराकर राजनीति चमका रहे, MSP नहीं होगी खत्म- पीएम मोदी


53 मिनट के अपने भाषण में पीएम मोदी ने किसानों की सबसे बड़ी चिंता न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP को लेकर कहा कि एमएसपी न बंद होगी, न खत्म होगी।
उन्होंने कहा कि किसान उन लोगों से बचकर रहें, जो कृषि सुधारों पर झूठ का जाल फैला रहे हैं।


DeshGaon
बड़ी बात Published On :
pm-modi-kisan-kalyan

भोपाल/नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश के किसानों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया।

53 मिनट के अपने भाषण में पीएम मोदी ने किसानों की सबसे बड़ी चिंता न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP को लेकर कहा कि एमएसपी न बंद होगी, न खत्म होगी।
उन्होंने कहा कि किसान उन लोगों से बचकर रहें, जो कृषि सुधारों पर झूठ का जाल फैला रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि एक झूठ बार-बार बोला जा रहा है। स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने का काम हमारी सरकार ने किया।

सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि बुआई से पहले इसकी घोषणा करती है। किसानों को पता चल जाता है कि किस फसल पर कितनी MSP मिलने वाली है। ये कानून 6 महीने पहले लागू हो चुके थे।

MSP की घोषणा पहले की तरह हुई, खरीद उन्हीं मंडियों में हुई। कानून बनने के बाद भी MSP की घोषणा हुई है और इसी MSP पर फसलों की खरीद भी हुई। MSP न बंद नहीं होगी, न खत्म होगी।

2014 से पहले की सरकार के 5 साल में किसानों से सिर्फ डेढ़ लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी गई। हमने किसानों को दाल की पैदावार के लिए प्रोत्साहित किया। हमने 112 लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी।

उन्होंने दाल पैदा करने वाले किसानों को 650 करोड़, तो हमने 50 हजार करोड़ रुपये दिए। आज दाल के किसान को ज्यादा पैसा मिल रहा है। जो लोग न किसानों को ढंग से MSP दे सके, न MSP पर ढंग से खरीदी कर सके, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

पहले की सरकार में रहने वाले लोगों को लगा कि सरकार को किसानों पर ज्यादा खर्च न करना पड़े, इसलिए स्वामीनाथन रिपोर्ट को 8 साल तक दबाकर रखा।

हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है। हमने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट निकाली। किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया।

किसानों के साथ धोखाधड़ी का उदाहरण कर्ज माफी का वादा है। मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले कहा गया कि कर्ज माफ कर देंगे, लेकिन हुआ कुछ नहीं।

राजस्थान के लाखों किसान आज भी कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं। मैं यही सोचता हूं कि कोई इस हद तक भोले-भाले किसानों के साथ छल-कपट कैसे कर सकता है।



Related






ताज़ा खबरें