पहलवानों का धरना: ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाने वाली लड़कियां न्याय के लिए रो रहीं, दिल्ली पुलिस की बदसुलूकी


पत्रकार साक्षी जोशी के साथ दिल्ली पुलिस ने बदसलूकी की उनके कपड़े फाड़े वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को पहलवानों से मिलने तक नहीं दिया गया।


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बड़ी बात Updated On :

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रिज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप को लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवान मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं।

जंतर-मंतर पर धरना दे रहे इन पहलवानों के लिए 3 मई का दिन और भी मुश्किल भरा रहा। पहलवानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उनके साथ झूमर झटके की इस दौरान एक पहलवान का सर भी फूट गया।

दिल्ली पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद साक्षी मलिक और विनेश फोगाट फफकते हुए रोती नज़र आईं।

देर रात एक प्रेस से बात करते हुए विनेश ने कहा,

जब हमने देश के लिए मेडल जीते थे तब कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हमें भी यह दिन देखना पड़ेगा। मैं तो कहुंगी की देश के किसी भी खिलाड़ी को देश के लिए मेडल नहीं जीतना चाहिए।

बजरंग पूनिया ने कहा

हम अपने मेडल्स भारत सरकार को लौटा देंगे। बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने कहा कि अब यह लड़ाई लंबी चलेगी।

धरने पर बैठी शीर्ष पहलवान विनेश ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा,

नशे में धुत एक पुलिसकर्मी ने हमारे साथ बदतमीजी की। उन्होंने मीडिया से कहा, हम अपने मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं और उस लड़ाई का सिला यह है कि यहां पर पुलिस वाले ने हमें चेस्ट से धक्का दिया।

दिल्ली पुलिस के खिलाफ बात करते हुए पहलवानों ने कहा कि उनके कपड़े और बिस्तर बारिश से गीले हो गए थे देर रात बेड लेकर लोग उन्हें देने पहुंचे थे। इसी को लेकर पुलिस से उनकी झड़प हो गई।

पहलवानों ने बताया कि नशे में पुलिसवालों ने मारपीट की और अपशब्द कहे। पहले रेसलर्स कह रहे थे कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

पुलिस का पक्ष.

पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने कहा, देर रात जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती बिना अनुमति के बेड लेकर पहुंचे। हमने रोका तो पहलवानों के समर्थक आक्रामक हो गए और ट्रक से बेड निकालने की कोशिश करने लगे। इसके बाद एक मामूली विवाद हुआ।

दिल्ली पुलिस ने ना केवल पहलवानों की लिए पहुंचाई जा रही मदद को रोका बल्कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को भी घटनास्थल पर जाने से मना कर दिया। मालीवाल ने इसका विरोध किया और कहा कि आयोग की अध्यक्ष होने के नाते यह न केवल उनका अधिकार है बल्कि कर्तव्य भी है कि जब धरने पर बैठी लड़कियां इस तरह से असुरक्षित महसूस कर रही हैं तब भी उनके पास जाएं।

DCW चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने कहा कि

विनेश फोगट और साक्षी मलिक ने हमें बताया कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था, और वहां पुलिस अधिकारी थे जो नशे में थे और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। बृजभूषण को क्यों बचा रही है दिल्ली पुलिस? दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है?

इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों को भी यह धरना कवर करने से रोका और आम लोगों को भी को भी जंतर-मंतर पहुंचने से मना कर दिया गया।

स्वतंत्र पत्रकार साक्षी जोशी ने दिल्ली पुलिस द्वारा खुद के साथ की गई बदसलूकी का पूरा वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें बिना किसी कारण के डिटेन किया उनके साथ बदसलूकी की उनके कपड़े तक पहाड़े गए और बाद में उन्हें थाने के सामने रात दो बजे एक वीरान सड़क पर छोड़ दिया गया।

 



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