किसान महापंचायत में कक्काजी बोले- MSP है और रहेगा तो कानून क्यों नहीं बनाती सरकार


किसान महापंचायत में गरजे राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी। कहा- फांसी का फंदा, डेथ वारंट हैं नए कृषि कानून। जिले के किसानों से मांगा समर्थन।


kantilal-karma कांतिलाल कर्मा
खरगोन Published On :
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खरगोन। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की आंच अब जिला मुख्यालय पर भी पहुंच गई है। सोमवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले किसान महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।

दोपहर 12 बजे किसान रैली के रूप में झंडा चौक से नारेबाजी करते हुए बस स्टैंड स्थित सभास्थल पहुंचे। यहां हुई महापंचायत में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।

कक्काजी ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में जिले के किसानों का समर्थन मांगते हुए हर गांव से 10-10 किसानों के आंदोलन में शामिल होने की अपील की। ककाजी ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए फांसी का फंदा, डेथ वारंट है, जब तक यह वापस नहीं लिए जाते आंदोलन बंद नहीं होगा।

कक्काजी ने कहा पीएम संसद में कहते है कि सरकार एक फोन कॉल की दूरी पर है, दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि कौन से दरवाजे खुले हैं, कौन से नंबर पर संपर्क करें, किस दिन संपर्क करें। अरे आपको कानून काला नजर नहीं आता तो उसमें सफेद क्या है वह बता दो? अगर एमएसपी है, रहेगा तो कानून क्यों नहीं बनाती सरकार?

उन्होंने किसानों से अपील की है कि प्रदेश के किसान भी दिल्ली आंदोलन में शामिल हों। यहां से 10-10 किसान पहुंचे। एक जत्था लौटे तो दूसरा पहुंच जाए। सभा में कक्काजी ने पीएम मोदी के साथ ही उद्योगपति अंबानी, अडानी पर निशाना साधते हुए अंबानी, अडानी को चील-कौए की संज्ञा देते हुए किसानों का नोंचने के लिए कानून बनवाने का आरोप लगाया।

सभा को प्रांतीय अध्यक्ष त्रिलोग गोठी, संभाग अध्यक्ष लालसिंह बाजवान, संगठन मंत्री बहादुरसिंग ठाकुर, प्रवक्ता आशीष तेजरम, जिलाध्यक्ष धीरज मिश्रा, जिला मंत्री अश्विन तोमर ने भी संबोधित किया। इस दौरान रामेश्वर गुर्जर, भुवानीराम शाह, जगदीश यादव, रंजीत जाट, विजय चौधरी, अनिल बिरला सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

कलेक्ट्रेट में दिया धरना –

महापंचायत के बाद किसान फिर रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां कलेक्टर से मिलने की जिद लिए किसान सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए। किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं सहित चना फसल पंजीयन की मांग के साथ ही जिला स्तर, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर की किसान समस्याओं, योजनाओं में विसंगतियों सहित तीनों नए कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग की।



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