किसानों का भारत बंद, उत्तर से लेकर दक्षिण तक ऐसा रहा असर


हरियाणा पंजाब में किसानों ने दिखाई ताकत तो दक्षिण में भी रहा असर


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उनकी बात Published On :
महाराष्ट्र के जलगांव में भारत बंद पर प्रदर्शन फोटो सोर्सः ट्विटर


नई दिल्ली। केंद्र सरकार के द्वारा लागू किये गए तीन कृषि कानूनों को एक साल हो चुका है। इन कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के झंडे तले किसान आंदोलन जारी है।

किसान आंदोलन अब तक एक ऐतिहासिक संघर्ष साबित हुआ है। जिसे दस महीने पूरे हो चुके हैं। इन कानूनों के विरोध में  सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस बंद का असर पंजाब और हरियाणा में काफी नजर आया। यहां कई ट्रेनों को रोका गया और सड़क यतायात भी प्रभावित हुआ है।

भारत बंद को लेकर दिल्ली में खासी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 26 जनवरी को हुए पिछले बड़े प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में पुलिस काफी सतर्क थी। यहां विरोध के कारण उत्तर प्रदेश से गाजीपुर सीमा की ओर यातायात बंद कर दिया गया था।

वहीं दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पंडित श्री राम मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया। यह स्टेशन पश्चिमी दिल्ली में है जो टिकरी सीमा के काफी नजदीक है।  यहां काफी संख्या में किसान सरकार के खिलाफ नारे लगाते देखे गए।

भारत बंद का बिहार के भी कई इलाकों में असर देखा नजर आया। यहां बंद का समर्थन विपक्षी दलों ने किया और इसमें महागठबंधन में शामिल दल भी थे। इसे लेकर कई इलाकों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर गए थे।

बिहार में महागठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के नेता और कार्यकर्ता अलग-अलग जिलों में सड़क पर उतरे।

वैशाली जिले के भगवानपुर में भी आरजेडी के कार्यकर्ता सड़क जाम कर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, सहरसा, बेगूसराय, शेखुपरा में भी बंद कराने के लिए उतरे।

बंद के दौरान सैकड़ों किसानों ने सोमवार को गाजीपुर सीमा पर विरोध किया और कानूनों को निरस्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे पिछले 10 महीनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में बैठे हैं। मेरठ के 52 साल के सूबा सिंह ने कहा कि मैं अन्य किसानों के साथ यहां बैठा हूं और हम तब तक नहीं हिलेंगे जब तक मोदी सरकार द्वारा इन तीन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता।

भारत बंद’ के मद्देनजर, दिल्ली यातायात पुलिस ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी के साथ राज्य की गाजीपुर सीमा की ओर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है थी।

पंजाब, हरियाणा में सैकड़ों किसानों ने हाईवे जाम किया

सैकड़ों किसानों ने दिल्ली को हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 1 सहित प्रमुख राजमार्गों को बंद कर दिया है। पंजाब और हरियाणा में यातायात बुरी तरह प्रभावित होने और कई घंटों तक बाधित होने की संभावना है, क्योंकि किसान, खेत मजदूर, कमीशन एजेंट, ट्रेड और कर्मचारी संघ और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर बैठे रहेंगे।

प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टर पंजाब और हरियाणा के राजमार्गों और प्रमुख लिंक सड़कों पर खड़े कर दिए और सड़कों पर बैठ गए। किसानों के विरोध को देखते हुए कानून और अन्य व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस ने कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया, क्योंकि किसानों ने हाईवे जाम कर दिया था।

केरल में भारत बंद का असर

केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी और विपक्षी कांग्रेस दोनों सोमवार को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए एक साथ सामने आए और दक्षिणी राज्य में बंद का लगभग सफल रहा। यहां बाजार, दुकानें और कार्यालय सभी बंद रहे और निजी वाहनों को छोड़कर सभी सार्वजनिक वाहन सड़क से नदारद थे।

करीब पिछले 18 महीनों से राज्य और पूरे देश में कोविड प्रोटोकॉल से लॉकडाउन के कारण, सोमवार का विरोध केरल का पहला राजनीतिक बंद है। हालांकि, सामान्य दिनों की तरह, इसरो की इकाइयां काम कर रही हैं और इसके कर्मचारियों को सशस्त्र सुरक्षा के बीच उनकी बसों में राज्य की राजधानी में संबंधित इकाइयों में ले जाया गया। सोमवार को होने वाली यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

कर्नाटक में भी बंद

कर्नाटक में राज्य किसान संघ, हसीरू सेने, गन्ना उत्पादक संघ, प्रांत रायता संघ ने राज्य में पूर्ण बंद का आह्वान किया था। उन्होंने राज्य भर के शहरों में राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य सड़कों को अवरुद्ध करने का भी आह्वान किया था। किसान संगठनों ने भी बड़े पैमाने पर रैलियां निकालने और पूर्ण बंद का पालन करने का फैसला किया है, हालांकि, कई संगठनों ने भारत बंद को केवल नैतिक समर्थन दिया था।

इसे लेकर राज्य सरकार ने चेतावनी दी कि सार्वजनिक संपत्तियों, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली बसों को नुकसान होने की स्थिति में आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। बंद को विपक्षी कांग्रेस, जेडी (एस) दलों ने बंद को अपना समर्थन दिया है। होटल मालिकों, मॉल के प्रबंधन, व्यवसायियों, दुकान मालिकों और स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि वे बंद में भाग नहीं लेंगे।

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