सीधी पुलिस ने प्रदेश में शासन व्यवस्था पर खड़े कर दिये सवाल, ख़बर लिखने पर पत्रकारों को दी थी सज़ा


 यह घटना दो अप्रैल की बताई जा रही है जब एक रंगकर्मी की गिरफ्तारी पर विरोध करने के लिए कुछ लोग सीधी थाने में पहुंचे थे और वहां इस मामले को देखने के लिए कुछ पत्रकार गए थे।


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। सीधी पुलिस के टीआई एक कारनामे से प्रदेश सरकार, यहां की कानून व्यवस्था और पुलिस विभाग सभी को शर्मसार होना पड़ रहा है। यहां सिटी कोतवाली थाने की पुलिस ने एक धरना प्रदर्शन करने पहुंचे कुछ पत्रकारों को कपड़े उतारकर उनकी परेड कराई गई और बाद में बिना कपड़ों की तस्वीर  को वायरल कर दिया गया। पुलिस का यह बर्ताव प्रदेश में कानून व्यवस्था पर कई सवाल उठा रहा है और लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या पुलिस को ऐसा करने का अधिकार है।

अब इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद मामले में दोषी आरक्षक और टीआई को लाइन अटैच कर दिया गया है।

यह घटना दो अप्रैल की बताई जा रही है जब एक रंगकर्मी की गिरफ्तारी पर विरोध करने के लिए कुछ लोग सीधी थाने में पहुंचे थे और वहां इस मामले को देखने के लिए कुछ पत्रकार गए थे। इसी दौरान किसी बात पर पुलिस ने पत्रकारों पर ही कार्रवाई कर दी।

मामले में कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है इसके अलावा देश भर के पत्रकारों ने इसे लेकर कड़ा ऐतराज़ जताया है। पीड़ित पत्रकारों में न्यूज़ नेशन समाचार चैनल के स्थानीय पत्रकार कनिष्क तिवारी भी शामिल हैं। इसे लेकर चैनल ने पुलिस के ख़िलाफ़ अपना विरोध जताते हुए एक स्टेटमेंट भी जारी किया है।

इस मामले में पीड़ित पत्रकारों का कहना है कि उन्हें भाजपा विधायक के खिलाफ़ और स्थानीय पुलिस के खिलाफ़ खबर चलाने के कारण यह सज़ा दी गई है।

पत्रकारों के मुताबिक घटना के दौरान पुलिस बार-बार ऐसा ही कह रही थी पुलिस और विधायक के खिलाफ़ खबर लिखोगे तो अबकी बार पूरे शहर में तुम्हें इसी तरह बिना कपड़ों के घुमाएंगे।

शवराज सरकार की शर्मनाक करतूत,

―सीधी जिले में भाजपा नेताओं के खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों को नंगा कर थाने में मुकदमे दर्ज किए गए।

शिवराज जी,
ये जंगलराज नहीं तो क्या है..?

“शर्म करो शवराज” pic.twitter.com/duHZUWnX9R

— MP Congress (@INCMP) April 7, 2022

पीड़ित पत्रकार कनिष्क तिवारी स्थानीय बघेली बोली में अपना एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में स्थानीय भाजपा विधायक केदारनाथ तिवारी के खिलाफ कुछ खबरें लिखी थीं इसके अलावा स्थानीय लोगों ने कुछ विषयों पर तिवारी का विरोध भी किया था और इस बारे में भी खबरें प्रकाशित की गईं थीं।

इसके अलावा स्थानीय पुलिस के खिलाफ भी तिवारी ने खबरें लिखीं थी। तिवारी के मुताबिक थाना परिसर में बहुत सी शराब की बोतलें आदि पड़ीं हुईं थी। तिवारी ने बताया कि उनकी इस ख़बर से पुलिस  कर्मी और उनके अधिकारी नाराज़ थे।

पीड़ित पत्रकार के मुताबिक वे अब पुलिस के इस कृत्य के खिलाफ कोर्ट जाएंगे और इसके साथ ही मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत करेंगे।

 



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