स्थायी शिक्षक भर्ती चयन सूची में नामों की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने प्रदर्शन, सीएम शिवराज को सौंपा गया ज्ञापन


जनजातीय कार्य विभाग में पहले से चयनित शिक्षकों का नाम स्कूल शिक्षा विभाग की नई चयन सूची में शामिल, नामों की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने के लिए आक्रोशित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन।


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भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में चल रही स्थायी शिक्षक भर्ती की चयन सूची में बार-बार नामों की पुनरावृत्ति देखी जा रही है जिससे आक्रोशित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने रंजीत गौर के नेतृत्व में 7 नवंबर सोमवार को भोपाल पहुंचकर मानव श्रृंखला बनाकर लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी करते हुए चयन सूची में नामों की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन करने के बाद शाम को रविंद्र भवन पहुंचकर पात्र अभ्यर्थियों द्वारा सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी ज्ञापन पत्र सौंपा। सीएम ने आश्वासन देते हुए कहा कि आपकी मांगों पर बहुत जल्द विचार करते हुए न्याय किया जाएगा।

बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए द्वितीय चरण में 4,075 पदों पर नवीन चयनित पात्र अभ्यर्थियों से दस्तावेज अपलोड कराने के आदेश जारी हुए हैं परंतु उस सूची में देखा गया है कि जनजाति कार्य विभाग में पहले से चयनित कई अभ्यर्थियों के नाम दोबारा से शामिल कर लिए गए हैं।

ज्ञापन पत्र में प्रमुख रूप से निम्न मांगें की गईं –

  1. चयन सूचियों में नामों की पुनरावृत्ति ना हो या जो अभ्यर्थी दोनों विभागों में से किसी भी एक विभाग में एक बार नियुक्ति ले चुका है तब उस सदस्य का नाम पुनः दूसरी सूची में सम्मिलित ना किया जाए।
  2. स्कूल शिक्षा विभाग के प्रथम चरण के शेष पदों पर अति शीघ्र द्वितीय चयन सूची जारी हो।
  3. शिक्षक भर्ती के प्रथम चरण के उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में वृद्धि की जाए।

 

पात्र अभ्यर्थी रंजीत गौर, रचना व्यास, रक्षा जैन, उर्मिला शर्मा, रविंद्र सिंह, वीरेंद्र पाटीदार, धर्मेंद्र बघेल, भारत कुशवाहा, शहीद खान, दलीप गौर, अशोक जाट, आशीष पटले, कृष्णा सिंह, धनराज सिंह, दिनेश नारायण व गोविंद जाट सहित अन्य अभ्यर्थियों ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2018 में स्कूल शिक्षा एवं जनजाति विभाग से एक ही अभ्यर्थी का नाम बार-बार चयन सूची में सम्मिलित किया जा रहा है जिससे अन्य पात्र अभ्यर्थियों का नुकसान हो रहा है। अतः एक अभ्यर्थी का नाम एक ही सूची में सम्मिलित किया जाए।

शिक्षक नियोजन प्रक्रिया 2018 के नियम 8 व उपनियम 8.3 के अनुसार एक अभ्यर्थी का नाम एक ही नियोक्ता सूची में सम्मिलित करने का प्रावधान है उसके बावजूद भी शिक्षक भर्ती के द्वितीय चरण में दोनों विभागों से जो संयुक्त काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की गई है उसमें जनजातीय विभाग में पहले से नियुक्ति ले चुके चयनित शिक्षकों को पुनः सम्मिलित किया जा रहा है जिसका शेष पात्र अभ्यर्थियों ने विरोध जताते हुए मांग की है कि नामों की पुनरावृत्ति ना की जाए अर्थात जो अभ्यर्थी एक बार नियुक्ति ले चुके हैं तब उनका नाम अगली चयन सूची में शामिल ना किया जाए।

जनजातीय क्षेत्रों के शासकीय स्कूलों में अभी भी 40 प्रतिशत स्थायी शिक्षकों की कमी बनी हुई है। पदवृद्धि के साथ शिक्षक भर्ती पूर्ण कराने की मांग भी प्रमुख रूप से की गई।

समय पर मांगें पूर्ण ना होने पर 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर प्रदेश स्तरीय आंदोलन की चेतावनी भी पात्र अभ्यर्थियों द्वारा दी गई है।



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