हमारी सामूहिक संवेदनशीलता पर सवाल कर रहीं प्रदेश की ये तस्वीरें और हमारे बेफ़िक्र राजनेता


जिस दिन 8 साल का गुलशन अपने दो साल के भाई राज की लाश गोद में लेकर एंबुलेंस के लिए बैठा था उसी दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मुरैना में चुनाव प्रचार कर अपनी उपलब्धियां गिना रहे थे।


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। बीते एक हफ़्ते के दौरान मध्यप्रदेश की कई तस्वीरें देशभर में चर्चा का केंद्र बनी रहीं। ये तस्वीरें प्रदेश का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हालात को दिखा रहीं हैं। इन तस्वीरों ने देशभर का ध्यान खींचा लेकिन फिर भी प्रादेशिक स्तर पर इन हालातों पर किसी तरह की बेचैनी नहीं दिखाई दी। आईए इस नए हफ़्ते के शुरु होने से पहले हम चर्चा उस बीते हुए हफ़्ते में हुई उन घटनाओं की करते हैं जिनकी चर्चा ज्यादा रही।

इस फ़ेहरिस्त में सबसे हालिया घटना रविवार 10 जून की है। मुरैना से आ रहे एक वीडियो को देखकर देशभर में शायद ही कोई होगा जिसका दिल न पसीजा होगा। मुरैना में बड़फारा, अंबाह के पूजाराम जाटव के दो साल के बेटे राजा का एनिमिया से निधन हो गया। इसके बाद वे शव घर ले जाना चाहते थे लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। बताया जाता है कि इस दौरान उन्हें जो वाहन मिल रहे थे वे काफ़ी ज्यादा पैसे मांग रहे थे ऐसे में पूजाराम उनकी हैसियत के हिसाब से वाहन खोज रहे थे और इस बीच उनका आठ साल का बड़ा बेटा गुलशन अपने छोटे भाई का शव अपनी गोद में लेकर बैठा हुआ था। इस दौरान वह शव को संभाल रहा था तो उपर उड़ रही मक्खियां हटा रहा था। इस छोटे से बच्चे के ज़हन में अपने छोटे भाई की लाश उठाने का यह पल उम्र भर के लिए कैद हो गया होगा। इसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने आकर शव को पुलिस वाहन में रखवाया। कहा जाए तो आख़िर तक शव वाहन उपलब्ध नहीं हो सका। इस मामले की जांच बाल संरक्षण आयोग ने शुरु की है।

मासूम की गोद में भाई की लाश, अपनी इस उम्र का सबसे बड़ा बोझ…

मुख्यमंत्री ने गिनाईं अपने शासनकाल की उपलब्धियां…

हालांकि इसी दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मुरैना में थे। वे यहां चुनाव प्रचार कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि सीएम शिवराज ने अपने इस दौरे में भाजपा और अपने शासन काल की उपलब्धियों के बारे में जनता को बताया और भाजपा सर्मथित प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मुरैना दौरे के दौरान उनकी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किये गए लेकिन इनमें इस बच्चे का ज़िक्र नहीं था।

 

दूसरी ख़बर 8 जुलाई की है। जब पता चला कि कुछ दिनों पहले रतलाम में एक लावरिश शव को नगर निगम के कचरा संग्रहण केंद्र में दफ़ना दिया गया। इस लावारिस शव के बारे में पुलिस और नगर निगम को कुछ नहीं पता था। इस बीच करीब बीस दिन तक एक महिला मुमताज अपने लापता बेटे को खोजते हुए पुलिस के चक्कर काट रहीं थी उनके साथ मृतक के दो छोटे बच्चे भी लगातार थाने जा रहे थे। काफ़ी दिनों बाद में पुलिस ने उन्हें शव के कपड़े और चप्पल दिखाए तो महिला ने उन्हें पहचान लिया। इसके बाद साजिद के बारे में जानकारी निकाली गई तो पता चला उन्हें कचरा संग्रहण केंद्र के ग्राउंड में दफ़नाया गया है। 8 जुलाई को  शव को निकालने का काम शुरु किया लेकिन कचरे के ढ़ेर में पता नहीं चल रहा था कि शव को कहां दफ़न किया गया था।

रतलाम में कचरा मैदान में खुदाई के दौरान

ऐसे में सुबह से शाम तक मशीनें गड्ढा खोदती रहीं। बताया गया कि साजिद अली का शव पिछले महीने 9 जून को शहर के काटजू नगर के पास मिली थी। जिसके बाद उसकी पहचान नहीं हो सकी थी और इसके बाद उन्हें इस तरह दफ़ना दिया गया था। इस मामले में ख़बर प्रकाशित हुई और फिर मानवाधिकार आयोग ने इस पर जांच करने को कहा है।

यहां से एक ख़बर ये भी रही…

रतलाम इसी शहर से भारतीय जनता पार्टी के एक महापौर प्रत्याशी और शहर के कारोबारी का एक वीडियो भी चर्चाओं में रहा। वीडियो में प्रत्याशी प्रह्लाद पटेल कह रहे हैं कि जिन भी घरों पर कांग्रेस का झंडा दिखाई दे रहा है उन सभी की तस्वीरें खींच कर रखी जाएं और वहां मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद कर दी जाएं।

इसके बाद कई सवाल उठते रहे लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा के लोकतंत्र पर सवाल उठाए हैं।

 

इस बीच एक ख़बर 11 जुलाई की। जब लोगों को पता चल रहा है कि मध्यप्रदेश भाजपा के विधायक एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु के साथ लंच करेंगे ताकि वे अपना वोट सही तरीके से डाल सकें। द्रोपदी मुर्मु अगर राष्ट्रपति बनती हैं तो वे देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि देश में आदिवासी महिलाओं की स्थिति सुधर रही है। 

11जुलाई को दैनिक भास्कर का इंदौर संस्करण, पेज क्रमांक 7 पर ख़बर

अगली ख़बर तीन जुलाई की है। वो दिन जिसने मध्यप्रदेश सहित देशभर को हैरान कर दिया। जब गुना में एक आदिवासी महिला पर दबंगों ने डीज़ल डालकर आग लगा दी। खेत में जल रही महिला के शरीर से उठता धुआं एक वीडियो के माध्यम से शायद दुनियाभर में सभी ने देखा होगा।  महिला की ज़मीन पर गांव के कुछ दबंग कब्जा कर बुवाई कर रहे थे। जब महिला रोकने पहुंची तो इन दबंगों ने परिवार सहित उस पर हमला किया और फिर डीजल डालकर आग लगा दी। महिला को कुछ दिनों तक भोपाल में इलाज चला और फिर 8 जुलाई को उनकी मौत हो गई।

ये ख़बर चार जुलाई की है। देवास में एक आदिवासी समाज की एक महिला को पति और उसके साथियों द्वारा सरेआम बेइज्ज़त किया गया। देवास जिले के उदयनगर के ग्राम बोरपड़ाव में एक महिला अपने पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ रह रही थी जिसके बाद उसके पति और कुछ और लोग मौके पर पहुंचे और महिला को पीटा और बाद में उसके कंधों पर पति को बैठाकर उसे गांव में घुमाया गया का मामला।

इसके बाद 6 जुवाई को खरगोन से भी एक वीडियो वायरल हुआ। जहां ठीक इसी तरह की एक घटना घटी थी। यहां एक आदिवासी महिला को अपने काका के घर रहने जाने पर उसके पति और ससुराल वालों की ओर से इसी तरह की सज़ा दी गई।



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