पुलिस की सकारात्मक पहल, ये ट्रांसजेंडर्स बनने जा रहे कांस्टेबल


मध्यप्रदेश में पहली ट्रांसजेंडर कर्मचारी संजना सिंह हैं। वे प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग में निज सचिव के रुप में कार्यरत हैं। 


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इंदौर। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग ने एक बेहद सकारात्मक काम हो रहा है। राज्य पुलिस बल ने कांस्टेबल के  पद पर तेरह ट्रांसजेंडरों की भर्ती की है। सरकारी नौकरी में और विशेषकर पुलिस जैसी सेवा में इस तरह की पहल इस समुदाय को आगे आने के लिये प्रोत्साहित करेगी।  

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डीएम अवस्थी ने इस बारे में कहा, ‘हमने पहली बार ट्रांसजेंडर्स को कांस्टेबल के तौर पर भर्ती किया है और मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें बधाई देता हूं.’ उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले के तीन साल बाद यानी साल 2017 में तमिलनाडु पहला ऐसा राज्य बना था, जहां एक ट्रांसजेंडर की भर्ती की गई थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी ट्रांसजेंडर्स की स्वीकार्यता बहुत अधिक नहीं कही जा सकती है। इन्हें समाज में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनका जीवन इतना कठिन है कि कई बार तो इन्हें अपना घर ही छोड़ना होता है। इनके साथ बदसलूकी व शोषण की खबरें भी मिलती रहती हैं और उन्हें जिस्मफरोशी और भीख मांगने के पेशे में भी उतारा जाता है।
कई राज्यों की सरकारों ने इस समुदाय को आगे बढ़ाते हुए मदद की है। पुलिस बल में उनकी भर्ती इसी का एक उदाहरण है। बिहार ने भी जनवरी में घोषणा की थी कि वह अपने पुलिस बल में हर 500 में से एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को भर्ती करेगा।
पुलिस विभाग के अलावा ट्रांसजेंडर्स कई दूसरे विभागों में भी देखे जा सकते हैं। मध्यप्रदेश में पहली ट्रांसजेंडर कर्मचारी संजना सिंह हैं। वे प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग में निज सचिव के रुप में कार्यरत हैं।
 इनपुटः एनडीटीवी



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