2023 में फिर होगी शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2018 में पास कर चुके अभ्यर्थी अब तक कर रहे नियुक्ति का इंतज़ार


चार साल में नौकरी हासिल करने के लिए किए सैकड़ों आवेदन और प्रदर्शन, उच्च शिक्षित होते हुए भी छोटी-छोटी नौकरियां करने को मजबूर अभ्यर्थी


DeshGaon
उनकी बात Updated On :

भोपाल। प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर सरगर्मी है। आए दिन भर्ती परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति के लिए मांग कर रहे हैं और इसके लिए तकरीबन हर दूसरे रोज़ ही प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर शिक्षकों के लिए नई नौकरियां आने को हैं। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा मंगलवार को उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा 2023 की घोषणा कर दी है। इस नए कदम के बाद पहले परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी हैरान हैं। उनका कहना है कि वे जब चार साल पहले परीक्षा पास कर चुके हैं तो अब तक नियुक्ति नहीं दी गई और सरकार फिर नई परीक्षा ले रही है। अब अभ्यर्थी कर्मचारी चयन मंडल के इस कदम का विरोध जता रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी साल में एक लाख भर्ती देने की घोषणा की है। इस बार माना जा रहा है है कि मुख्यमंत्री अपना ये वादा निश्चित रुप से ही पूरा करेंगे क्योंकि अब तक रोजगार को लेकर उनके वादे अधूरे ही रहे हैं और कठिन बताए जा रहे इस चुनावी साल में इसे पूरा करना जरूरी हो चला है।

ऐसे में वर्षों से रोजगार देने के नाम पर लगभग सोए हुए सरकारी विभाग अब खुलकर भर्ती विज्ञापन जारी कर रहे हैं। साल 2022 के इन अंतिम दिनों में  उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए  विज्ञापन जारी हुआ है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 12 जनवरी 2023 से किए जाएंगे और पात्रता परीक्षा 1 मार्च 2023 से शुरू होगी।

 

इस नए विज्ञापन के बाद साल 2018 में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी हतप्रभ हैं। उनके मुताबिक सरकार ने चार साल पहले जो भर्ती परीक्षा उनसे ली थी उसे पास करने के बाद उन्हें अब तक नियुक्ति नहीं दी गई है तो फिर नए युवाओं को फिर से परीक्षा की प्रक्रिया में झोंकना किस हद तक सही है।

चार साल पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर चुके और अपनी नियुक्ति के लिए लगातार आंदोलन, धरना प्रदर्शन करने वाले बहुत से पुराने अभ्यर्थी इस नई भर्ती प्रक्रिया की मुखर होकर खिलाफत कर रहे हैं। ये अभ्यर्थी सोशल मीडिया पर अपने वीडियो साझा कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया को पहले पूरा किया जाए और इसके बाद नए बेरोजगारों को मौका दिया जाए ताकि बेरोजगारी के आंकड़ों में भी संतुलन रहे।

रंजीत गौर अपनी नियुक्ति के लिए चार साल से लगातार मांग कर रहे हैं। उनके साथी रक्षा जैन, रचना व्यास, सरिता चौधरी, सुशीला सिंह, श्रद्धा कछवाहा,राजीव कुमार,देवेंद्र सिंह आदि कई पात्र अभ्यर्थी सैकड़ों ज्ञापन इसके लिए अब तक दे चुके हैं लेकिन नियुक्ति के लिए उनकी मांग अधूरी ही है।

 

इन सभी ने लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर अभय वर्मा को फिर ज्ञापन दिया और पदवृद्धि के साथ 2018 में हुई पात्रता परीक्षा की प्रक्रिया साल 2023 में होने वाली प्रक्रिया से पूरी करने की अपील की। इन अभ्यर्थियों ने जो मांगें कमिश्नर वर्मा के सामने रखी हैं वे मांगें पहले मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों अधिकारियों से भी कर चुके हैं लेकिन इसका फिलहाल कोई असर नहीं हो रहा है। अभ्यर्थियों की मांगे इस प्रकार हैं।

  • शिक्षक भर्ती 2018 की अधूरी प्रक्रिया को पदवृद्धि के साथ पहले पूरा किया जाए और इसके बाद ही अगली पात्रता परीक्षा आयोजित की जाए।
  • स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 के उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में वृद्धि कर तृतीय काउंसलिंग शुरू की जाए।
  •  प्रथम चरण के शेष रिक्त पदों पर भी चयन सूची जारी की जाए।
  • चयन सूची में नामों की पुनरावृत्ति पर रोक लगाते हुए अन्य पात्र अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल किया जाए।
  • पात्रता परीक्षा 2023 से पहले स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 को पद वृद्धि के साथ पूर्ण किया जाए जाए।
  • सीएम राईज स्कूलों के रिक्त पदों पर भी पात्रता पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से सीधी भर्ती की जाए।

चार साल से नियुक्ति की मांग कर रहे इन उच्च शिक्षित अभ्यर्थियों में से ज्यादतर इन दिनों अपने परिवार का खर्च निकालने के लिए निजी स्कूलों में नौकरी करते हैं और कुछ तो अपने आसपास की दुकानों में काम करते हैं जबकि परीक्षा पास करने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें जल्दी ही नौकरी मिलेगी। अब फिर एक बार सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरु कर दी है ऐसे में आने वाले दिनों में नई भर्ती प्रक्रिया में पास होने वाले अभ्यर्थियों को किस तरह से और कब तक नौकरियां दी जाएंगी यह कहना मुश्किल है। इसे लेकर देशगांव ने संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन बताया गया कि यह योजना उच्चस्तर से है ऐसे में वे इस पर कुछ कहने के लिए अधिकृत नहीं हैं।



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