आदिवासी मज़दूर परिवार की तीन बहनों ने एक साथ की आत्महत्या, आर्थिक मदद देने की हो रही मांग


परिवार में पांच बहनें, पिता की मौत पहले ही चुकी, एक बहन मायके से आई थी।


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उनकी बात Published On :

इंदौर। खंडवा जिले के जवार थाना क्षेत्र में भामवढ़ गांव की तीन आदिवासी युवतियों ने पेड़ से  फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ये तीनों युवतियां सगी बहनें हैं। इस मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक यहां से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं किया गया है। ऐसे में आत्महत्या का कारण अब तक साफ नहीं हो सका है इसे लेकर पुलिस की जांच जारी है। वहीं इस मामले में आदिवासी संगठनों ने भी तुरंत जांच की मांग की है।

इस घटना की खबर से इलाके में सनसनी फैल गई। इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को पेड़ से उतार कर औपचारिक कार्रवाई शुरू की। इस दौरान मौके से कई सैंपल भी एकत्रित किए गए।  गुरुवार को तीन और शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

आत्महत्या करने वाली तीन युवतियों के नाम सोनू, सावित्री और ललिता हैं। इन्होंने मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे नीम के पेड़ से फांसी लगा ली। परिजनों ने पुलिस को बताया कि तीनों साथ सोने का बोलकर कमरे में गई थी। परिवार में पांच बहनें हैं। वहीं पिता जाम सिंह का निधन पहले हो चुका है।

पुलिस इस मामले में कई पहलुओं जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि फांसी के लिए जिस रस्सी का इस्तेमाल किया गया वह तीनों ने सुबह ही बाजार से खरीदी थी।

पुलिस सुसाइड करने की असली वजह का पता लगाने में जुटी हुई है। एसपी विवेक सिंह ने बताया कि अभी तक सुसाइड की वजह का पता नहीं चला है। मृतक लड़कियों के पिता जामसिंह का भी पहले निधन हो चुका है। परिवार में 5 बहनें (अब दो बची) और तीन भाई हैं.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जावर थाना प्रभारी शिव राम जाट ने बताया कि मामला पारिवारिक औऱ आपसी संबंधों का हो सकता है। आत्महत्या करने वाली तीन बहनों में एक का विवाह हो चुका है वह 2 दिन पहले ही मायके आई थी। ग्रामीणों के मुताबिक मजदूर पेशा परिवार होने से आर्थिक स्थिति भी बदतर थी। ऐसे में आशंका यह भी है कि आर्थिक तंगी के कारण भी तीनों बहनें आत्महत्या के लिए मजबूर हुईं।



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