सीएम शिवराज की यूथ महापंचायत के विरोध की तैयारी कर रहे बेरोजगार युवा


राज्य सरकार युवा नीति का लोर्कापण करेगी, इस योजना का उद्देश्य सरकार की योजनाओं से युवाओं को जोड़ना है।


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उनकी बात Updated On :
CM Shivraj has also taken suggestions from the youth of BJPYUMO for youth policy. On Wednesday, he spoke to the leaders of the Morcha. Deshgaonnews
सीएम शिवराज ने युवा नीति के लिए भाजपायुमो के युवाओं से भी सुधाव लिए हैं। बुधवार को उन्होंने मोर्चा के नेताओं से बात की।


भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले तकरीबन 8 महीनों से बेरोजगार युवा सरकार की नीतियों का सड़कों पर आकर विरोध कर रहे हैं।इस दौरान राज्य में रोजगार की स्थिति पर भी गंभीरता से बात होने लगी है। अपने प्रदर्शनों के जरिए युवाओं ने राज्य सरकार के विकास के दावों की सच्चाई सामने रखी है।

ऐसे में अपनी छवि को सुधारने के लिए राज्य सरकार अब यूथ महापंचायत का आयोजन कर रही है। 23 मार्च को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में इस महापंचायत का आयोजन होगा। इस यूथ महापंचायत में राज्य युवा नीति का लोकार्पण मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। राज्य युवा नीति का उद्देश्य राज्य के युवाओं को राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं से जोड़कर लाभ दिलाना है। जाहिर है सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ अब तक युवाओं को नहीं मिला है ऐसे में इस युवा नीति की जरूरत महसूस की जा रही है। इस युवा नीति में युवाओं के सुझाव लिए गए हैं।

 

हालांकि बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन शुरू करने वाले युवा संगठन नेशनल एज्युकेटेड यूथ यूनियन इस यूथ महापंचायत का विरोध कर रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि सरकार चुनाव से केवल आठ 10 महीने पहले ही युवाओं के नाम पर सक्रिय हो रही है इसका मतलब वे जानते हैं। ऐसे में युवाओं ने तय किया है कि जब सरकार अपनी इस युवा नीति का गुणगान सोशल मीडिया पर कर रही होगी ठीक उसी समय ट्विटर पर ट्रेंड चलाया जाएगा।जाहिर है स्टैंड के माध्यम से युवा सरकार की इस नीति का विरोध करेंगे।

इस संगठन के राधे जाट ने एक वीडियो जारी कर इसे राज्य सरकार द्वारा युवाओं को बहकाने के लिए किया जा रहा एक काम बताया है। राधे जाट ने कहा यह सरकार का एक प्रोपेगेंडा है ताकि युवाओं को चुनाव के पहले रिझाया जा सके क्योंकि इस बार सरकार को साफ नजर आ रहा है कि युवा उसके साथ नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संगठन से जुड़े बेरोजगार युवा सरकार की इस नीति का विरोध वहां जरुर करेंगे जहां सरकार इसका प्रचार प्रसार करेगी और सबसे पहले इस विरोध ट्विटर पर होगा जहां मुख्यमंत्री रोज ही विकास के दावे करते हैं।

उल्लेखनीय है कि मप्र में पिछले साल से युवाओं का यह विरोध जारी है। यहां लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लेट लतीफ होते रिजल्ट हमेशा ही विवादों का विषय रहे हैं। वहीं 2018 में शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास युवाओं को अब तक नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। इस परीक्षा में पास युवा 51 हजार पद की मांग कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने दस साल बाद परीक्षा ली थी।



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