संरक्षित इमारत भोजशाला में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का सर्वे जारी रहेगा। इंदौर हाईकोर्ट ने एएसआई के समय अवधि बढ़ाने वाले आवेदन पर सोमवार को सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एएसआई के आवेदन को स्वीकार करते हुए भोजशाला में चल रहे सर्वे की समय सीमा बढ़ाने के आदेश दिए है। अब एएसआई की टीम को भोजशाला और उसके परिसर की विस्तृत रिपोर्ट 4 जुलाई से पहले देना होगी इससे पहले मुस्लिम पक्ष की और से भी एक आवेदन सर्वे को रोकने के लिए कोर्ट को दिया गया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इंदौर हाईकोर्ट में समय बढ़ाने वाले आवेदन की सुनवाई में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की और से नई दिल्ली के एडवोकेट विष्णुशंकर जैन और विनय जैन ने कोर्ट के सामने तर्क रखे। गौरतलब है कि इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर भोजशाला और 50 मीटर के परिसर में एएसआई की टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है। कोर्ट ने 11 मार्च को आदेश दिए थे कि भोजशाला और उसके परिसर का आधुनिक तरीके से सर्वे कर कोर्ट में 29 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश की जाए। एएसआई की टीम ने सर्वे की समय अवधि बढ़ाने के लिए कोर्ट में एक आवेदन दिया था।
4 जुलाई को पेश करना होगी रिपोर्ट :
सोमवार को हाईकोर्ट में समय अवधि बढ़ाने को लेकर अहम सुनवाई की गई जिसमें कोर्ट ने एएसआई को आठ हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है। अब एएसआई की टीम को 5 जुलाई से पहले भोजशाला और उसके 50 मीटर के हिस्से की विस्तुत सर्वे रिपोर्ट पेश करना होगी। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने कोर्ट को बताया कि भोजशाला और उसके परिसर का हिस्सा काफी बढ़ा है। अभी जो सर्वे किया जा रहा है उसमें आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा जिसकी प्रकिया काफी धीमी है।
याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि हाईकोर्ट की इंदौर खंठपीठ में भोजशाला को लेकर सुनवाई थी। सुनवाई मे एएसआई को सर्वे के लिए आठ सप्ताह के समय की मांग की थी। हाईकोर्ट ने एएसआई को अब 4 जुलाई का फाईनल रिपोर्ट पेश करना होगी। मुस्लिम पक्ष की और से सर्वे को रोकने के लिए एक आवेदन भी दिया था उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। भोजशाला में एएसआई का सर्वे तय तारिख तक निरंतर जारी रहेगा।
सर्वे का 39वां दिन
भोजशाला में 39वें दिन भी एएसआई की टीम ने सर्वे के पहुंची थी। सर्वे दल के 13 सदस्यों के साथ 37 मजदूरों ने कड़ी सुरक्षा के बीच भोजशाला में प्रवेश किया था। टीम के सदस्यों ने दरगाह परिसर के भीतर शिलालेखों और पाषाणों के पैपर रोल के जरिए सैंपल लिए है। वहीं कई स्थानों पर केमिकल ट्रीटमेंट भी किया जा रहा है। टीम द्वारा अन्य स्थानों से भी मिट्टी हटाई जा रही है। रविवार को भी भोजशाला के पिछले हिस्से में भी नए स्थानों को पर्दो से कवर किया गया है।
फ्लैश बैक ……
सर्वे के आदेश : हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के टीम लीडर हरिशंकरजी अधिवक्ता, विष्णुशंकरजी जैन और हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के नेतृत्व में और फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष आशीष जनक, सुनील सारस्वत, मोहित गर्ग, रोहित खंडेलवाल, एडवोकेट विनय जोशी, पार्थ यादव के साथ सभी याचिकाकर्ताओं ने माननीय उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ में दो मई 2022 को भोजशाला के पूर्ण आधिपत्य के लिए याचिका दायर की थी। याचिका को न्यायालय ने 11 मई 2022 को स्वीकार किया था। न्यायालय द्वारा सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किये गए और और फिर नोटिस के जवाब का क्रम शुरू हुआ। 5 फरवरी 2024 को हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के याचिका कर्ता द्वारा न्यायालय में यह आवेदन दिया गया कि न्यायालय द्वारा भोजशाला के संपूर्ण परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण हेतु एएसआई को निर्देशित किया जावे। 19 फरवरी 2024 को सुनवाई में बहस के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा फैसला सुरक्षित रखा गया।
11 मार्च 2024 को उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को यह आदेश दिया कि संपूर्ण भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जाए जिसमें नवीन तकनीकों का उपयोग किया जाए। इसमें भोजशाला के परिसर के 50 मीटर क्षेत्र में उत्खनन, कार्बन डेटिंग, जीपीएस,जीपीआर तकनीक का प्रयोग कर कलर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी करवाई जावे। 6 सप्ताह में विभाग की टीम द्वारा दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वेक्षण पूर्ण कर रिपोर्ट पेश की जावे। 20 मार्च 2024 को भारत सरकार संस्कृति विभाग के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अपर महानिदेशक प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी ने शासन और प्रशासन को यह जानकारी दी कि 22 मार्च से भोजशाला का सर्वेक्षण प्रारंभ होगा। भोजशाला में एएसआई के सर्वे निरंतर 39 दिनों से जारी है।
याचिका की प्रमुख मांगे :
याचिका में यूनियन ऑफ़ इंडिया, द आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया, सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया भोपाल, आर्कियोलॉजिकल ऑफिसर जिला धार, स्टेट ऑफ़ मध्य प्रदेश, जिला दंडाधिकारी जिला धार, जिला पुलिस अधीक्षक जिला धार, मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी धार अब्दुल समद खान, श्री महाराजा भोज सेवा संस्थान समिति गोपाली र्मा प्रतिवादीगण है। प्रकरण में में 11 मई 2022, 7 जुलाई 2022, 7 फरवरी 2023, 13 जून 2023, 23 जनवरी 2024, 19 फरवरी 2024 एवं 11 मार्च 2024 को सुनवाई हुई। उक्त प्रकरण में नई दिल्ली के पार्थ यादव, इंदौर के विनय जोशी ने भी उच्चतम और उच्च न्यायालय में याचिककाकर्ताओं की और पैरवी की थी। याचिका में भोजशाला पर पूर्ण रूप से हिंदू समाज के आधिपत्य की मांग, लंदन से लाकर मां वागदेवी की प्रतिमा भोजशाला के गर्भ गृह में स्थापित, नामज पर पूर्ण रुप से प्रतिंबध, बिना किसी शर्त वर्ष भर हिंदू समाज को पूजा-अर्चना करने की मांग की गई थी।
आदेश के मुख्य बिन्दु जिनपर सर्वे:
1. भोजशाला के पूरे परिसर का सर्वे और उत्खनन वैज्ञानिक पद्धति से होगा।
2. उत्खनन और सर्वे GPS GPR तकनीक के साथ कार्बन डेटिंग तथा अन्य नई तकनीक से करने का आदेश।
3. भोजशाला परिसर की बाउंड्रीवाल से 50 मीटर की दूरी तक सर्वे किया जाएगा।
4. असि के वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी की निगरानी में सर्वे होगा।
5. उत्खनन एवं सर्वे की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
6. परिसर के सभी बंद पड़े कमरों, खुले परिसर तथा सभी खम्बों का विस्तार से सर्वे होगा।
7.पहले 6 सप्ताह में प्रस्तुत करने के बाद आज आठ सप्ताह का समय दिया है।
अब तक यह हुआ भोजशाला में:
1 22 मार्च से चल रहा है वैज्ञानिक सर्वे।
2 39 दिन का सर्वे पूरा हो चुका।
3 भोजशाला के भीतर और आसपास काम जारी।
4 50 मीटर दायरे को चिह्नित किया, लेकिन काम नहीं हुआ।
5 जीपीआर और जीपीएस तकनीक से सर्वे होना है।
6 जीपीआर से पहले टीम यहां सर्वे कर चुकी है।
7 कार्बन डेटिंग भी विशेषज्ञों की मदद से जारी है।