
धार जिले के किसानों की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। खेती के मौसम में जहां किसानों को खाद और बीज समय पर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं, वहीं फसल बीमा का लाभ भी उन्हें अपेक्षित रूप से नहीं मिल पा रहा। किसानों का आरोप है कि उन्हें प्रीमियम जमा करने के बाद भी कई बार बीमा क्लेम प्रीमियम से भी कम राशि में मिला, जिससे वे अपने नुकसान की भरपाई नहीं कर सके।
इन्हीं समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने सोमवार को कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रतिनिधि अमोल पाटीदार ने बताया कि वर्ष 2024 में जिले में सोयाबीन की फसल को घोड़ा रोग और मौसम की मार से भारी नुकसान हुआ था, लेकिन किसानों को उसका उचित मुआवजा नहीं दिया गया।
किसानों की प्रमुख मांगें
-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हो रहे सैटेलाइट सर्वे को बंद किया जाए, क्योंकि इससे वास्तविक नुकसान का आकलन सही ढंग से नहीं हो पाता।
-
सहकारी समितियों में किसानों की जरूरत के अनुसार ही खाद उपलब्ध कराई जाए। जबरन खाद वितरण पर रोक लगे।
-
घोड़ा रोग से प्रभावित सोयाबीन की फसल का विशेष सर्वे कर किसानों को मुआवजा दिया जाए।
-
खेत सड़क योजना को फिर से शुरू किया जाए, ताकि ग्रामीण इलाकों में किसानों को खेत तक आने-जाने में सुविधा हो।
-
कर्ज माफी और ब्याज माफी योजना के तहत अटके किसानों का ब्याज माफ किया जाए। अप्रैल 2025 में सोसाइटियों में जमा रकम पर जो ब्याज वसूला गया है, उसे वापस किया जाए।
-
जिले की नदियों में नर्मदा जल छोड़ा जाए और सभी गांवों तक सिंचाई के लिए नर्मदा का पानी पहुंचाया जाए।
-
सोयाबीन खरीदी का पंजीयन जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
-
रबी सीजन से पहले विद्युत मंडल से ट्रांसफॉर्मर और पोल-तार की जांच कराई जाए और ओवरलोड ट्रांसफॉर्मरों पर अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएं।
आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी है कि अगर किसानों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं हुआ, तो संगठन 15 सितंबर 2025 को जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और शासन की होगी।
इस मौके पर प्रांत मंत्री महेश ठाकुर, प्रांत सदस्य मोहन पाटीदार, जिला मंत्री अमोल पाटीदार, धार विकासखंड अध्यक्ष वासुदेव सांखला, विकासखंड मंत्री प्रभात चौधरी, तिरला विकासखंड अध्यक्ष धर्मेंद्र पवार, अशोक बनिया, कालूराम सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।