धार नगर पालिका की स्वच्छता में फिसलन: लाखों खर्च के बाद भी गंदगी का अंबार, जनता ने नकारा


स्वच्छता के नाम पर लाखों खर्च फिर भी धार नगर पालिका स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में 47वें स्थान पर पहुंच गई। जनता के नकारात्मक फीडबैक और गली-मोहल्लों की गंदगी ने पोल खोल दी।


आशीष यादव
धार Published On :

स्वच्छता के नाम पर खर्च हुए लाखों रुपये, दीवारों पर पेंटिंग, गार्डन की सजावट, चौराहों की रंगाई-पुताई—लेकिन नतीजा शहर की सफाई व्यवस्था में शर्मनाक गिरावट के रूप में सामने आया। कभी प्रदेश में पहले पांच शहरों में शुमार धार नगर पालिका, अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में सीधे 47वें स्थान पर आ गिरी है। वेस्ट जोन में भी धार की स्थिति दूसरे से फिसलकर आठवें पायदान पर जा पहुँची है।

 

शहरी सौंदर्यीकरण बनाम ज़मीनी हकीकत

नगर पालिका ने स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले शहर को चमकाने के लिए 40 से 45 लाख रुपये खर्च किए। इनमें पेंटिंग, म्यूरल्स, लाइटिंग, गार्डन, चौराहों की सजावट जैसे कार्य शामिल थे। इन सबके बावजूद धार को 12,500 में से सिर्फ 9877 अंक मिले। जनता से मिले फीडबैक में भी नपा फेल रही—1000 अंकों में से सिर्फ 371 अंक प्राप्त हुए।

शहर में 30 वार्ड हैं और 350 सफाई कर्मचारी तैनात हैं, फिर भी सफाई की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है। कई वार्डों में हफ्तों तक सफाई नहीं होती, नालों की नियमित सफाई नहीं हो रही और कचरा वाहन हर गली तक नहीं पहुंच पा रहे। इस लापरवाही का सीधा असर सर्वेक्षण रैंकिंग पर पड़ा है।

 

जनता में आक्रोश, नपा के दावे फेल

नगरवासियों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद नपा ने सफाई व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं किया। धारेश्वर मंदिर, चिंतामण गणपति मंदिर और त्रिमूर्ति क्षेत्र जैसे सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी आम बात है। कई रहवासी इलाकों में नालों की सफाई सालों से नहीं हुई।

 

नगरपालिका के इंजीनियर और सफाई विभाग के अधिकारी लाखों की तनख्वाह लेने के बावजूद ज़मीनी काम में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। पार्षदों की लगातार शिकायतें भी असरहीन साबित हुई हैं।

 

2021 में शीर्ष, 2024 में गिरावट की गहराई

धार नगर पालिका ने 2021 में प्रदेश स्तर पर पहला स्थान पाया था और वेस्ट जोन में छठा। तब इसे स्वच्छता का मॉडल माना जा रहा था। परन्तु इसके बाद लगातार रैंकिंग गिरती गई:

 

स्वच्छता में क्यों पिछड़ा धार?

  • जनता का नकारात्मक फीडबैक
  • गली-मोहल्लों में नियमित सफाई नहीं
  • कचरा वाहन की पहुँच सीमित
  • सौंदर्यीकरण पर ज़ोर, सफाई की अनदेखी
  • पार्षदों और रहवासियों की शिकायतों की अनदेखी

 

खर्च बनाम सफाई: एक असंतुलन

पेंटिंग और म्यूरल्स: ₹15–18 लाख

गार्डन और लाइटिंग: ₹8–10 लाख

चौराहों की सजावट, डेकोरेशन: ₹5–7 लाख

कुल अनुमानित खर्च: ₹40–45 लाख

 

फीडबैक की तस्वीर

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में धार को जो अंक मिले, वे इस प्रकार हैं:

सेवा स्तर: 9000 में से 7706

स्टार रेटिंग (ODF++):

2500 में से 1800

जनता का फीडबैक: 1000 में से सिर्फ 371


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