धार जिले की सड़कों का हाल बेहाल: गड्ढों और कीचड़ से बढ़ा हादसों का खतरा


धार जिले की दर्जनभर सड़कें गड्ढों और कीचड़ से पट गईं। रेलवे निर्माण और अवैध कट से बढ़े हादसे, जनता परेशान। मरम्मत के दावे फेल।


आशीष यादव
धार Published On :

धार जिले में विकास और मूलभूत सुविधा की बात करने वाले जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदारों की लापरवाही अब सीधे जनता की जान पर भारी पड़ रही है। जिले की दर्जनभर सड़कों की हालत इतनी खराब है कि दोपहिया और चारपहिया वाहन चलाना जोखिम भरा हो गया है। कहीं गड्ढों से भरी सड़कें हैं, तो कहीं रेलवे और ब्रिज निर्माण के चलते रास्ते कीचड़ और फिसलन से पटे पड़े हैं। नतीजा यह है कि “नजर हटी, दुर्घटना घटी” वाली कहावत यहां आम हो गई है।

रेलवे निर्माण बना मुसीबत

मुख्यालय के पास करीब 10 किलोमीटर सड़क रेलवे ब्रिज निर्माण के चलते पूरी तरह खराब हो चुकी है। निर्माण कार्य के दौरान सड़क पर मिट्टी और कीचड़ जमा है, जिससे लोगों को पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा है। छोटे वाहन चालक सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। आए दिन फिसलकर दुर्घटनाएं हो रही हैं। ठेकेदारों की लापरवाही से यहां की स्थिति ऐसी है कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

हाईवे भी सुरक्षित नहीं

जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग भी बुरी तरह प्रभावित हैं।

  • इंदौर-अहमदाबाद हाईवे,

  • लेबड़-मानपुर मार्ग,

  • लेबड़-पीथमपुर रोड,

  • और एबी रोड

इन सब पर गड्ढों की भरमार है। बारिश का पानी गड्ढों में भर जाने से उनकी गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता और दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

बायपास पर सोनू रेस्टोरेंट के पास सड़क पर बने 5 से 7 फीट लंबे गड्ढों ने सफर को और खतरनाक बना दिया है। रात में रोशनी की कमी के चलते वाहन चालकों को अचानक गड्ढे दिखते हैं और हादसे का अंदेशा बढ़ जाता है।

अवैध कट से बढ़ रहे हादसे

धार से गुजरने वाले तीनों बड़े हाइवे पर जगह-जगह ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए अवैध कट बना रखे हैं। गुणावद, लेबड़, घाटाबिल्लौद, तिरला और नागदा के आसपास कई जगह पहले ही हादसे हो चुके हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने बार-बार एनएचएआई को इन कट्स को बंद करने के निर्देश दिए, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला।

पैचवर्क का ढोंग

एनएचएआई और जिम्मेदार विभागों द्वारा हर साल बारिश के पहले मरम्मत और पैचवर्क के दावे किए जाते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि जैसे ही बारिश होती है, गड्ढे फिर से उभर आते हैं। गणपति घाट पर बनी नई सड़क का हाल तो पहले ही साल खराब हो गया। बड़े गड्ढों को बंद किया गया लेकिन छोटे गड्ढे छोड़ दिए गए, जिससे लोगों को अब भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। रतलाम रोड, सुनारखेड़ी रोड और बायपास से गुजरने वाले लोगों ने बताया कि कीचड़ और फिसलन के चलते आए दिन वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं। भारी वाहनों के गुजरने से जाम की समस्या भी बनी रहती है।


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