
शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम के अंतर्गत सत्र 2025-26 के लिए धार जिले के निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश पाने हेतु पालकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया है। जिले की 680 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में कुल 3017 आरक्षित सीटों के मुकाबले इस बार 5451 आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जिले में इस योजना के प्रति लोगों की जागरूकता और विश्वास लगातार बढ़ रहा है।
सत्यापन प्रक्रिया का हुआ समापन
आवेदन की अंतिम तिथि 21 मई निर्धारित की गई थी। इसके बाद दो दिनों – 22 और 23 मई को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए रखे गए थे। डीपीसी कार्यालय के मुताबिक, अब तक कुल 4250 आवेदन सत्यापित हो चुके हैं। शेष आवेदनों की स्थिति पर स्पष्टता लॉटरी सूची जारी होने से पहले आ सकेगी। सत्यापन के बाद पात्र बच्चों की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की जाएगी और राज्य स्तर पर होने वाली लॉटरी के आधार पर स्कूलों में प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा।
मान्यता से वंचित स्कूल बने चिंता का विषय
हालांकि प्रक्रिया के बीच एक बड़ी बाधा यह है कि जिले के लगभग 38 निजी स्कूलों की मान्यता अभी तक लंबित है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी निर्देशों के तहत इन स्कूलों का भौतिक सत्यापन कराया गया था, जिसमें कई खामियां सामने आईं। स्टाफ की कमी, बुनियादी सुविधाओं का अभाव और मान्यता नियमों का उल्लंघन मुख्य कारण रहे। इनकी फाइलें कलेक्टर कार्यालय भेजी गई हैं, जहां अंतिम निर्णय लंबित है। यदि मान्यता नहीं मिली तो इन स्कूलों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
29 मई को लॉटरी, 2 जून से प्रवेश प्रक्रिया
मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 29 मई को राज्य स्तर पर ऑनलाइन लॉटरी निकाली जाएगी, जिसमें चयनित बच्चों के पालकों को SMS के जरिए सूचना दी जाएगी। इसके बाद वे 2 जून से 10 जून के बीच संबंधित स्कूल में जाकर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक रुचि
जिला शिक्षा विभाग के अनुसार, इस बार ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक आवेदन आए हैं। यह भी एक संकेत है कि RTE योजना अब वास्तव में जरूरतमंद तबकों तक पहुंचने लगी है।
फैक्ट फाइल:
- कुल मान्यता प्राप्त निजी स्कूल: 680
- कुल आरक्षित सीटें: 3017
- कुल आवेदन प्राप्त: 5451
- सत्यापित आवेदन: 4250
- मान्यता लंबित स्कूल: 38
- लॉटरी तिथि: 29 मई 2025
- प्रवेश तिथि: 2 से 10 जून 2025
RTE के तहत धार जिले में इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ आवेदन हुए हैं। पालकों की रुचि और प्रयास जहां उम्मीदें जगाते हैं, वहीं सीटों की सीमित संख्या और कुछ स्कूलों की मान्यता में आ रही अड़चनें चिंता का विषय भी हैं। विभागीय पारदर्शिता और समयबद्धता से यदि यह प्रक्रिया पूरी हुई, तो निःसंदेह यह हजारों बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजाला लाएगी।