धार में ट्रैफिक जाम का संकट: पुलिस जवानों के तबादले से हालात और बिगड़े


धार शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। जवानों के तबादले, अतिक्रमण और पार्किंग की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। जानिए पूरी रिपोर्ट।


आशीष यादव
धार Published On :

शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह बिखर चुकी है। हर रोज़ लोग जाम में फंसे रह जाते हैं, और हालात ऐसे हो गए हैं कि कई गलियों में पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। न ट्रैफिक जवानों की पर्याप्त संख्या है, न ही सख्त निगरानी। मुख्य चौराहों से लेकर बाज़ार तक ट्रैफिक जाम एक आम बात हो गई है। त्योहारों के मौसम में जब बाजारों में भीड़ बढ़ रही है, तब शहर का ट्रैफिक नियंत्रण और भी गंभीर चुनौती बन गया है।

 

हाल ही में यातायात विभाग में एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई और पाँच आरक्षकों का तबादला कर दिया गया। बदले में मात्र दो हवलदार और तीन जवानों की तैनाती हुई है। यह संख्या शहर के आकार और भीड़-भाड़ को देखते हुए नाकाफी है। राजवाड़ा, एमजी रोड, आनंद चौपाटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में यातायात पुलिस का कोई अता-पता नहीं है।

 

सकरी गलियां, अव्यवस्थित बाजार

धार की पुरानी बाजारें जैसे हटवाड़ा, शनिगली, पिपली बाजार आदि में दुकानदार व्हाइट लाइन के बाहर तक सामान फैलाकर रखते हैं, जिससे रास्ता और संकरा हो जाता है। वाहन चालकों को गलियों से गुजरने में घंटों लग जाते हैं। ऊपर से, बिना किसी नियंत्रण के वाहन कहीं भी खड़े कर दिए जाते हैं। स्थाई पार्किंग की कमी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।

 

अतिक्रमण बना स्थाई संकट

नगर पालिका द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियानों का असर अस्थायी होता है। केवल ठेले या फुटकर दुकानों को हटाया जाता है, लेकिन नालों पर बनी पक्की दुकानों या सड़क पर बनी स्थायी संरचनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती। बस स्टैंड, राजवाड़ा और मोहन टॉकीज क्षेत्र में तो हर रोज़ लोगों को वाहन रेंगते हुए निकालने पड़ते हैं।

 

पार्किंग स्थल भी नहीं बचे

राजवाड़ा स्थित गणेश मंदिर के पास नगर पालिका द्वारा निर्मित पार्किंग को कुछ लोगों ने निजी पार्किंग बना लिया है। यह सार्वजनिक सुविधा अब महीनों से निजी वाहनों से भरी पड़ी है। नगर पालिका ने यहां झांकने तक की ज़हमत नहीं उठाई है।

 

बड़े वाहन, मवेशी और बेतरतीब पार्किंग

ट्रैक्टर-ट्राली, मैजिक, स्कूल बसें और आवारा मवेशियों का खुलेआम सड़कों पर विचरण भी ट्रैफिक की रफ्तार को रोक रहा है। बैंकों और निजी संस्थानों के पास पार्किंग नहीं होने के कारण लोग मुख्य सड़क पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं।

 

प्रशासन का दावा, ज़मीनी हकीकत अलग

प्रेमसिंह ठाकुर, यातायात प्रभारी का कहना है कि त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सभी जवानों की ड्यूटी लगा दी गई है। वहीं नगर पालिका सीएमओ केवी सिंह ने अतिक्रमण हटाने की योजना की बात कही है। लेकिन शहरवासी इन दावों को खोखला मान रहे हैं क्योंकि अब तक नतीजे ज़मीन पर दिखाई नहीं दे रहे।


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