
जिले में बोवनी के 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में काम पूरा हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद किसान खाद के लिए भटक रहे हैं। डीएपी और यूरिया खाद की भारी किल्लत से खेतों की फसलें पीली पड़ने लगी हैं, जबकि किसान एक सप्ताह से अधिक समय से सोसायटियों और विक्रय केंद्रों से खाली हाथ लौट रहे हैं। अब 14 जुलाई को मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने किसानों के साथ मिलकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
गोदामों में नहीं पहुंचा खाद, किसान परेशान
नौगांव, अमझेरा, मांडू और धमरपुरी क्षेत्र के कई किसान लगातार खाद केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। नौगांव स्थित आदिम जाति सहकारी संस्था में 18 जून के बाद डीएपी की एक भी बोरी नहीं पहुंची। गोदाम प्रबंधक ने बताया कि अंतिम बार 12 जून को 25 टन डीएपी मिला था, जो छह दिन में खत्म हो गया। तब से किसान मायूस लौट रहे हैं।
किसान रमेश मावी और सुनील मकवाना ने बताया कि वे चार बार केंद्र पर आ चुके हैं, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है। नकद विक्रय केंद्रों पर भी स्थिति वही है। धार शहर के मोहन टॉकीज स्थित केंद्र पर मई के बाद अब तक डीएपी नहीं आया है।
निमाड़ में यूरिया संकट और गहराया
निमाड़ अंचल के लुन्हेरा, टवलाई, सिंघाना, बालीपुर, खंडलोई और देदला जैसे क्षेत्रों में एक महीने की फसल को अब यूरिया की सख्त जरूरत है, लेकिन वहां पिछले 10-12 दिनों से यूरिया उपलब्ध नहीं है। टवलाई और लुन्हेरा के किसानों ने बताया कि उन्हें खाद लेने दूर के केंद्रों पर जाना पड़ रहा है, लेकिन वहां भी कोई गारंटी नहीं है।
किसानों को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा महंगा खाद
सरकारी सोसायटियों में खाद न मिलने के चलते कई किसान निजी दुकानों से महंगे दामों में खाद खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। किसान संगठनों का आरोप है कि विभाग ने खरीफ की तैयारी पहले से नहीं की। मांग के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो सकी, जिससे किसान आर्थिक संकट में हैं।
कागजों पर भरपूर, ज़मीन पर संकट
विभागीय आँकड़ों में यूरिया और डीएपी की उपलब्धता दिख रही है, लेकिन वितरण और वास्तविक स्टॉक ज़मीनी हकीकत को झुठला रहा है।
14 जुलाई को कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर खाद की आपूर्ति तत्काल भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मनावर और उमरबन की अधिक सोसायटियों में यूरिया, डीएपी और ईफको खाद नहीं मिल रहा। किसान संकट में हैं और समय पर खाद नहीं मिली तो फसलें बर्बाद हो जाएंगी। इसी को लेकर 14 जुलाई को कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।