कृषि को उद्योग से जोड़ें किसान: नरसिंहपुर में बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़


नरसिंहपुर में कृषि उद्योग समागम के शुभारंभ पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों की भूमिका को सराहा और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की तारीफ की। जानिए क्या कहा उपराष्ट्रपति ने खेत, किसान और राष्ट्रभक्ति पर।


ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आयोजित कृषि उद्योग समागम का भव्य शुभारंभ करते हुए देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि “जब खेत मुस्कुराता है, तो देश आगे बढ़ता है।” उन्होंने किसानों को राष्ट्रनिर्माण की रीढ़ बताते हुए कृषि और ग्रामीण विकास को भारत के भविष्य की कुंजी बताया। उपराष्ट्रपति का यह संबोधन लगभग 28 मिनट लंबा रहा, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और निर्णयों की जमकर सराहना की, और सात बार विशेष रूप से उनकी प्रशंसा की।

समागम के उद्घाटन समारोह में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान कृषि आधारित प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया गया, जिसमें आधुनिक कृषि उपकरणों, तकनीकी नवाचारों और उद्यमशीलता के मॉडलों को प्रदर्शित किया गया।

 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा

अपने भाषण में उपराष्ट्रपति ने हाल में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ तो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिया गया जवाब पूरी दुनिया ने देखा। उन्होंने मुरीद जैसे दुर्गम क्षेत्र में की गई सटीक बमबारी का जिक्र करते हुए कहा कि “भारत को अब किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमने कर दिखाया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि जो निर्णय पिछले 70 वर्षों में नहीं लिए गए, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने लिया — चाहे वह पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने का हो या यह स्पष्ट संदेश देने का कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।”

 

कृषि को उद्योग से जोड़ने का आह्वान

उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर पशुपालन, मछली पालन, फल-सब्जी उत्पादन जैसे क्षेत्रों से जुड़कर कृषि आधारित उद्योगों को अपनाना चाहिए। उन्होंने सांसदों, विधायकों और सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे गांवों को गोद लेकर कृषि उद्यम को बढ़ावा दें।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, बल्कि देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा, “आप प्रेरणा के स्रोत हैं। जब खेतों में समृद्धि आती है, तो भारत नई ऊंचाइयों तक पहुंचता है।”

 

किसानों को मिलने वाली सहायता पर प्रकाश

उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना के तहत देश के लगभग 10 करोड़ किसानों को प्रतिवर्ष 3.46 लाख करोड़ रुपये की सहायता सीधे उनके खातों में दी जा रही है। इसके साथ-साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से औसतन हर किसान को सालाना लगभग ₹35,000 की सहायता मिल रही है।

 

भारत की वैश्विक स्थिति पर नजर

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज जिस तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहा है, वह ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा, “एक दशक पहले हम वैश्विक रैंकिंग में पीछे थे, लेकिन आज भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में अग्रसर है।”

 

 


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