सिंधिया के लिए ‘कल और कुल’ बचाने का चुनाव

कांग्रेस में वे कुछेक नेताओं में से एक थे और कहा जाए तो प्रदेश के सबसे मजबूत युवा चेहरे थे लेकिन भाजपा में नेताओं की एक बड़ी कतार या कहें तो भीड़ है। ऐसे में सिंधिया को अचानक आगे लाने पर यह भीड़ कितने दिनों तक अपनी महत्वकांक्षाएं दबा सकेगी और खुद सिंघिया भी इस भीड़ में कैसे आगे निकल पाएंगे यह देखना दिलचस्प होगा।