होली के बाद ही गर्मी ने दिखाए तेवर, अचानक बढ़े तापमान के बाद सूनी हो गईं सड़कें


वर्षों का रिकार्ड टूटा, तापमान 40 डिग्री पर पहुँचा गर्मी से परेशान हुए लोग, कूलर और एसी की दुकानों पर भीड़


आशीष यादव
हवा-पानी Updated On :

बुधवार को अचानक से बदले मौसम के बाद बढ़े तापमान में पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। 14 साल बाद मार्च का माह इतना गर्म रहा। रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके पहले वर्ष 2010 में 27 मार्च को जिले का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

बुधवार की सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ था। सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे तो हल्की ठंडी हवाएं चल रहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया आसमान साफ होता गया और धूप इतनी तेज हो गई लोगों को बाहर निकलने में परेशानी होंगी। दिन को निकली तेज धूप का असर दिन के अधिकतम तापमान पर भी दिखाई दिया। ऐसे में जिले में दिन का अधिकतम तापमान 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मंगलवार को यह 39.4 पर था। वहीं रात के तापमान में भी यह वृद्धि दर्ज की गई। रात का न्यूनतम तापमान भी 2 अंक चढ़ता दिखाई दिया और यह 17.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रविवार को यह 16.8 डिग्री पर था।

बुधवार को 40 डिग्री पहुंचा तापमान:

मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो 27 मार्च को दर्ज किए गए तापमान के कारण पिछले 14 सालों का रिकार्ड टूट गया है। इसके पहले 27 मार्च 2010 को जिले का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तो रात का न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। रात के न्यूनतम तापमान के मामले में वर्ष 2022 भी गर्म रहा था। 2022 में जिले 37 डिग्री तो रात का न्यूनतम तापमान 20.डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था

गर्मी का सड़कों पर असर:  अचानक से बड़े मौसम के तापमान का असर सड़कों पर भी दिखाई दिया। लोग होली के त्यौहार से निपटे थे और अन्य कार्य के लिए दिन का प्लान बनाए थे, लेकिन तेज गर्मी के कारण बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। तेज धूप के कारण लोगों ने दिन को बाहर निकाला मुनासिब नहीं समझा और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं शाम को आसमान में बादल छाने से किसानों के चेहरों पर एक बार फिर से चिंता दिखाई दी। बादल छाने से किसानो को राजस्थान में हुए मौसम को देखते हुए परेशानी में डाल दिया।

मौसम में उतार-चढ़ाव अलनीनो का प्रभाव:

मार्च में मौसम में रहा उतार-चढ़ाव अलनीनो का प्रभाव इस बार मई की जगह मार्च के आखिरी सप्ताह में खाई देने लगा है वहीं जो अप्रैल में लू चलने की आशंका रहती है वह अभी से महसूस हो रही है । चार दिन में ही अधिकतम तापमान 36 से बढकर 40 डिग्री पहुंच गया है। होली के बाद दिन और रात के तापमान में और इजाफा होगा और मार्च बीतते-बीतते अधिकतम तापमान 40 के पार जा सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान की माने मध्यप्रदेश में इस बार गर्मी का प्रकोप पहले से ज्यादा रहेगा। लपट का दौर अप्रैल से शुरू होकर जून मध्य तक जाएगा।

दो महीनों में मौसम से खराब हुई फसल:

मौसम के कारण गेंहू व अन्य फसल फसलें प्रभावित हो चुकी है, जिससे उत्पादन कम हुआ है। शुरू से लेकर अंत तक कोहरे के साथ बारिश ने प्रदेश के कई जिलों की फसलें प्रभावित कर चुकी थी। अभी इसी माह के अंतिम सप्ताह में ठंडक के बाद तापमान में 6 डिग्री का इजाफा होकर 40 डिग्री तक पहुंच सकता है। यह दर्शता है कि मौसम का रुख स्थिर नहीं है और धीरे-धीरे वसंत की विदाई के बाद अब गर्मी के तेवर तीखे हो चले हैं। इसकी प्रमुख वजह मौसम वैज्ञानिक अलनीनो को मान रहे हैं। वहीं आने वाले दिनों में 45 पहुंच जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मध्य प्रदेश में सामान्य तौर पर 25 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार यह लू अप्रैल से शुरू होगी और जून के मध्य तक जाएगी।

 

वर्ष           अधिकतम तापमान       न्यूनतम तापमान

2024          40.4                         17.3

2023           32.8                        16.2

2022          37.0                         20.5

2021          36.8                         17.1

2020          34.0                         16.0

2019          31.0                         12.4

(तापमान: डिग्री सेल्सियस)


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