जंगलराजः बुरहानपुर के नेपानगर में थाने पर हमला, पुलिसकर्मियों को पीटकर अवैध कटाई करने वाले अपने साथियों को छुड़ा ले गए


पचास हजार एकड़ से अधिक का जंगल साफ


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बड़ी बात Updated On :

भोपाल। महाराष्ट्र सीमा से लगे हुए बुरहानपुर क्षेत्र में वन माफियाओं का आतंक अब कानून व्यवस्था पर भारी पड़ रहा है। गुरुवार रात यहां के अतिक्रमणकारियों ने थाने में घुसकर पुलिस पर हमला किया और अपने साथियों को बचाकर ले गए। थाने के अंदर करीब साठ से अधिक हमलावर घुसे जिन्होंने पुलिस कर्मियों को लाठी डंडों से पीटा। इस हमले में चार पुलिसकर्मी घायल हैं। इस हमले में जिस आरोपी को बचाया गया उसका नाम हेमा मेघवाल बताया जाता है जिसे वाकड़ी वन चौकी से बंदूक लूटने के आरोप में एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था। अब पुलिस अधिकारी इस मामले में सख़्त कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। हालांकि पहले हुई घटनाओं के बाद वन विभाग ने यह भी कहा है कि पुलिस से उन्हें पर्याप्त सर्मथन नहीं मिला है।

 

बीते करीब आठ महीनों में बुरहानपुर जिले में अब तक पचास हजार एकड़ से जंगल की कटाई हो चुकी है। वन विभाग इस मामले में अब तक कार्रवाई करने में असमर्थ ही रहा है इस बीच जब भी कार्रवाई होती है तो जंगल काटने वाले वन विभाग और पुलिस से भी कहीं ज्यादा ताकतवर नजर आते हैं। ऐसा ही गुरुवार रात करीब तीन बजे नेपानगर थाने में हुआ। यहां वन विभाग ने जंगल काटने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया था लेकिन उन्हें छुड़ाने के लिए करीब साठ से अधिकर लोग गुरुवार को थाने में घुस आए। ये अपने साथ लाठी-डंडे लिए हुए थे और इन्होंने पुलिसकर्मियों को बेरहमी से पीटना शुरु कर दिया। यह पूरी घटना सीसीटीवी में देखी जा सकती है।

इन हमलावरों ने थाने में तोड़फोड़ भी की और पुलिस की कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने आक्रामक होने की कोशिश की तो उन्हें भी लाठी डंडों से पीटा गया। इसके बाद ये सभी अपने साथ अपने तीन साथियों को पुलिस की गिरफ्त से लेकर भाग गए। इनमें लॉकअप में बंद भूमाफियाओं का लीडर कहा जाने वाला 32 हजार रुपये का इनामी डकैत हेमा मेघवाल भी था।

घटना की सूचना मिलने के बाद सुबह करीब छह बजे कलेक्टर भव्या मित्तल, जिला एसपी राहुल लोढा और नेपा एसडीएम हेमलता सोलंकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी नेपानगर थाने पहुंचे। इस घटना में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 353 व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जाता है कि अतिक्रमण करने के लिए जंगल काटने वाले लोग दूसरे राज्य की सीमा से घुसपैठ करते हैं और अपराध करके भाग जाते हैं। वहीं वन विभाग और पुलिस के बीच पर्याप्त सामंजस्य न होने के कारण अब तक यह समस्या और बढ़ती रही है।

 


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