बालाघाट के कुड़वा गांव में बाघ का कहर: खेत में सो रहे व्यक्ति पर हमला, मौके पर दर्दनाक मौत


बालाघाट के पठार अंचल में बाघ के हमले से एक व्यक्ति की मौत हो गई। कुड़वा गांव में सूअर भगाने गए प्रकाश पाने पर बाघ ने हमला कर दिया। वन विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों में आक्रोश है।


नितेश उचबगले
बड़ी बात Updated On :

बालाघाट के पठार अंचल में वन्य प्राणियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते कई महीनों से वन्य प्राणियों और मानव के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते छह महीनों में यह दूसरी घटना है जब बाघ के हमले में किसी व्यक्ति की मौत हुई है। ताजा मामला जनपद पंचायत कटंगी के तहत आने वाले ग्राम कुड़वा का है, जहां प्रकाश पाने नामक व्यक्ति पर बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

 

सूअर भगाने गया था शख्स

स्थानीय लोगों ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि प्रकाश पाने 2 मई की रात अपने बेटे के साथ खेत में गए थे। वे खेतों में सूअर को भगाने के लिए गए थे। रात करीब तीन बजे बेटा शुभम तो घर लौट आया, लेकिन प्रकाश पाने वहीं खेत में ही सो गए थे। इसी दौरान हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। सुबह जब वे घर नहीं लौटे तो परिजन उन्हें ढूंढने निकले। खेत में जब लोग पहुंचे, तो उनका शव क्षत-विक्षत हालत में मिला।

वन्य प्राणी को भगाने फोड़ते हैं पटाखे

पठार अंचल के अधिकतर खेत जंगलों से सटे हुए हैं। बालाघाट में रबी सीजन में धान की खेती होती है, जिससे भोजन की तलाश में चीतल, हिरण और जंगली सूअर खेतों की ओर आते हैं। इन्हीं शिकारों के पीछे मांसाहारी वन्य प्राणी जैसे बाघ और तेंदुए भी खेतों की ओर चले आते हैं। यही कारण है कि इन इलाकों में मानव और वन्य प्राणियों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ रहा है।

 

कई दिनों से थी बाघ की मूवमेंट

ग्रामीणों के अनुसार, बीते कई दिनों से बाघ इस क्षेत्र में घूम रहा था। हालांकि वन विभाग की ओर से उसे जंगल की ओर खदेड़ने के प्रयास बेहद सीमित रहे। नतीजतन यह दुखद घटना हो गई। मृतक के परिवार में पत्नी, बेटा और दो बेटियां हैं, जो इस हादसे के बाद सदमे में हैं। अब ग्रामीणों ने वन विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

 

11 बजे पहुंचा वन विभाग का अमला

घटना के दिन वन विभाग की टीम सुबह 11 बजे तक मौके पर नहीं पहुंची, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। एक वन विभाग का कर्मचारी डर के कारण गांव के एक घर में छिप गया। वहीं, बाकी टीम पास के गांव गोरेघाट में ही रुकी रही। बाद में पुलिस के पहुंचने के बाद ही वन विभाग की टीम ने मौके पर कार्रवाई शुरू की। प्रशासन की ओर से मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता देने का आश्वासन दिया गया है।

 

इस इलाके में वन्य प्राणी से जुड़ी कई घटनाएं

कटंगी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में वन्य प्राणियों से जुड़ी कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। दिसंबर 2023 में खैरलांजी गांव में सुखराम नामक व्यक्ति की बाघ के हमले में मौत हुई थी। कोड़मी गांव में भी बाघ के शिकार की घटना हुई थी। नंदोरा गांव में कुएं में गिरने से एक तेंदुए की मौत हुई थी। बीते महीने बड़पानी में भी तेंदुए के शिकार की पुष्टि हुई थी।


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