कर्नल सोफिया कुरैशी का अपमान: HC ने विजय शाह के खिलाफ लिखी FIR पर कहा पुलिस ने ऐसी शिकायत लिखी कि खारिज हो जाए, जांच की निगरानी अब कोर्ट खुद करेगा


कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर बीजेपी मंत्री विजय शाह की टिप्पणी पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए एफआईआर को कमजोर बताया और जांच की निगरानी का निर्णय लिया। पढ़ें पूरी खबर।


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बड़ी बात Updated On :

मध्यप्रदेश के मंत्री कुँवर विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को “आतंकवादियों की बहन” कहे जाने पर उठे विवाद पर अब हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने 15 मई को हुई सुनवाई में न सिर्फ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर असंतोष जताया, बल्कि यह भी कहा कि अदालत अब स्वयं इस जांच की निगरानी करेगी ताकि निष्पक्ष और दबावमुक्त जांच सुनिश्चित हो सके।

अदालत ने स्पष्ट कहा कि एफआईआर में आरोपी मंत्री की कथित गतिविधियों का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है जिससे दर्ज धाराओं का औचित्य सिद्ध हो सके। कोर्ट ने इसे “इतना कमज़ोर और सतही” बताया कि यह आसानी से खारिज की जा सकती है। कोर्ट ने राज्य को आदेश दिया है कि 14 मई के कोर्ट आदेश को एफआईआर का हिस्सा माना जाए ताकि जांच कमजोर आधार पर रद्द न हो।

इन धाराओं में दर्ज हुई FIR:

  • एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152, 196(1)(b), और 197(1)(c) के तहत दर्ज की गई है।
  • धारा 152: भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य
  • धारा 196(1)(b): धार्मिक या सामाजिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने वाले कृत्य
  • धारा 197(1)(c): राष्ट्रीय एकता के खिलाफ गतिविधियाँ

कोर्ट का कठोर रवैया

कोर्ट ने टिप्पणी की कि मंत्री का बयान — “जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर मिटाया, हमने उनकी बहन भेज दी…” — एक “गटर जैसी भाषा” है, जो न केवल एक अधिकारी का अपमान करती है बल्कि पूरी भारतीय सेना की छवि को ठेस पहुंचाती है। अदालत ने यह भी कहा कि मंत्री के इस बयान में सांप्रदायिक विभाजन फैलाने की ‘प्रवृत्ति’ है।

 

सरकारी पक्ष की सफाई:

राज्य के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने अदालत में कहा कि सरकार अदालत के हर निर्देश का पालन करेगी और यह मानने का कोई कारण नहीं है कि सरकार आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है।

क्या है मामला

कर्नल सोफिया कुरैशी, भारतीय सेना की ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख सैन्य अधिकारी के तौर पर मीडिया को जानकारी दे रही थीं। विजय शाह ने टिप्पणी करते हुए उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से “आतंकियों की बहन” कहा, जिससे विवाद गहराया। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद शाह ने देर रात एक वीडियो जारी कर माफी मांगी और उन्हें “देश की बहन” बताया।

सुप्रीम कोर्ट की राह:
मंत्री विजय शाह ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हालांकि sc ने भी FIR रोकने से इनकार कर दिया है।


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