आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शिवराज सरकार का तोहफ़ा, मॉनिटरिंग के काम में मिलेगी मदद

मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दो साल से मोबाइल फोन नहीं मिले हैं।  केंद्र सरकार ने पिछले दिनों विभाग को समीक्षा के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि जनवरी तक मोबाइल से मानिटरिंग शुरू नहीं होने पर मध्यप्रदेश को भी असफल राज्यों की श्रेणी में डाल देंगेa

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भोपाल। राज्य सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एक तोहफ़ा देने जा रही है। यह तोहफ़ा ऐसा है जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके काम में भी मदद मिलेगी। सरकार 76283 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बैंक खातों में सीधे दस-दस हजार रुपये जमा करवाएगी।

यह पैसे उन्हें उनकी पसंद के मोबाइल फोन खरीदने के लिए दिया जा रहे हैं ताकि वे छह साल तक के बच्चों की रियल टाइम मॉनिटरिंग कर सकें। इस तरह सरकार करीब 76 करोड़ रुपये आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर खर्च करेगी।

यह योजना काफी पहले से थी लेकिन पहले इसमें मोबाइल सरकार खुद खरीद कर देने वाली थी। इसके लिए टैंडर भी हो चुके थे और हर बार विवादों मे रहकर निरस्त भी हुए। गुरुवार को इसके लिए नौवीं बार टैंडर निरस्त किए गए।

केंद्र सरकार 2018 से शुरु किए गए अपने पोषण अभियान को लेकर काफी गंभीर है और इसी के तहत बच्चों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन दिए जा रहे हैं। जिसमें एक कॉमन एप्लीकेशन के माध्यम से बच्चों की जानकारी दर्ज की जा सकेगी। ज्यादातर राज्यों ने इस योजना को लागू कर दिया है।

 मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दो साल से मोबाइल फोन नहीं मिले हैं।  केंद्र सरकार ने पिछले दिनों विभाग को समीक्षा के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि जनवरी तक मोबाइल से मानिटरिंग शुरू नहीं होने पर मध्यप्रदेश को भी असफल राज्यों की श्रेणी में डाल देंगे।

इस टेंडर को लेने के लिए मोबाइल कंपनियां खासी रुचि दिखा रहीं थी और इसी के चलते प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ गई थी कि इसमें संभावित भ्रष्टाचार की शिकायतें भी हो रहीं थी। इसी के चलते विवादों से बचने के लिए खरीदी को रद्द कर दिया गया।

मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग ने टेंडर निरस्त कर दिया है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को डीबीटी (डायरेक्ट टू बेनिफिट) से राशि की मंजूरी मांगी गई है। अब वे अपनी पसंद से 4जी मोबाइल खरीद सकेंगी। इसके लिए अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।

बहुत से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पास आज उनके निजी फोर जी फोन हैं जिनका उपयोग वे मॉनिटरिंग के काम में करती हैं। ऐसे में दस हजार रुपये उनके लिए मददगार साबित होंगे।

First Published on: December 11, 2020 11:09 AM