जो भूसा 8-12 हज़ार रु का प्रति ट्रॉली बिकता था वह इस समय उसकी कीमत अब 3-6 हजार रुपये तक आ गई है।
पहलवानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने सरकार की कड़ी आलोचना की है।
कार्यपालन यंत्री ,तहसीलदार आदि की पहुंची टीम, हुई ग्रामीणों से बातचीत
अभ्यर्थियों का दर्द, नौकरी के इंतज़ार में गुज़र गई उम्र, सरकार के प्रति गुस्सा लेकिन ज़ाहिर करने में भी लग रहा डर
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि 29 मई को एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर सभी लोग भोपाल में जुटेंगे और सीएम हाउस का घेराव करेंगे।
छतरपुर मुख्यालय पर 12 दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं 15 गांव के किसान। बिना टेंट के अनशन पर बैठे कई किसान पड़े बीमार। आक्रोशित किसानों ने छत्रसाल चौक पर किया चक्काजाम।
धरने में प्रभावित गांव के लोगों की मांग रही कि प्रशासन हर प्रभावित गांवों में बैराज को लेकर सही जानकारी उपलब्ध कराएं और पर्याप्त मुआवजा दे।
किसानों ने कहा देशगांव की खबरों से मिली उन्हें जानकारी, प्रशासन ने जमीन पर निशान लगा दिए लेकिन कुछ नहीं बताया
19420 रु प्रति एकड़ में साल भर के लिए ली आदिवासी किसानों की जमीन, जहां खेती होती थी अब वहां बना दी सड़क, कहीं कर दिए बड़े गड्ढे
लगातार प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया और कहा कि ग्राम सभाओं के माध्यम से जो काम किए गए हैं, वे पूरी तरह से कागजी हैं क्योंकि उनके गांव…
पुरोहितों से मारपीट की और बाईबिल तथा दूसरे धर्मग्रंथ फेंके, कहा बदनाम करने की मंशा से कहा बार-बार परेशान करते हैं आयोग के सदस्य
"पिछले 8 दिन से पुनर्वास की मांग को लेकर तुगलकाबाद की महिलाएं भूख हड़ताल पर"