बिजली कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन, बात नहीं बनी तो दिसंबर में कामबंद हड़ताल

बेरोजगार और संविदा कर्मचारियों के साथ अब सरकार पर बिजली कर्मचारियों का भी दबाव, 27 नवंबर को है बेरोजगार महापंचायत

भोपाल। मध्यप्रदेश में बेरोजगारों के साथ अब सरकार से भी कर्मचारी भी नाराज हैं जिनकी मांगों पर सरकार ने वर्षों से ध्यान नहीं दिया यही वजह है कि प्रदेश में एक साथ कई आंदोलन चल रहे हैं। बेरोजगारों के आंदोलन के साथ संविदा कर्मचारियों और बिजली विभाग के कर्मचारियों का भी आंदोलन जारी है।

बुधवार को बिजली विभाग के आंदोलनरत कर्मचारियों ने बड़ा प्रदर्शन किया। भोपाल में जुटे इन कर्मचारियों का कहना था कि सरकार का रवैया आम जनता के साथ किसान और कर्मचारियों को भी परेशान करने वाला है।

इन कर्मचारियों ने कहा कि सरकार आम आदमी से ज्यादा से ज्यादा पैसा ले रही है लेकिन इसका कोई लाभ न किसानों को मिल रहा है और न उन कर्मचारियों को जिनका शोषण यह व्यवस्था कर रही है।

आंदोलन में पहुंचे कर्मचारी अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इनमें सबसे अहम मांग पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली और आउट सोर्सिंग के मुद्दे को लेकर है। आउटसोर्सिंग का मुद्दा देश भर में कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय है कर्मचारियों का कहना है कि यह संविदा व्यवस्था से भी ज्यादा घृणित और शोषित व्यवस्था है जिसमें कर्मचारी सरकार के कर्मी ना होकर किसी निजी एजेंसी के कर्मचारी बन जाते हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों के लिए किसी भी तरह से लाभ नहीं होता, न ही उन्हें नियमित नौकरी मिल पाती है और न ही कोई ठोस वित्तीय मदद ही उनके लिए होती है।

अपनी इन्हीं मांगों को लेकर भोपाल के बिजली नगर मैदान में बिजली कर्मचारी एकजुट हुए। कर्मचारियों ने कहा कि अगर दिसंबर के महीने में उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे पूरी तरह काम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे।

ऐसे में प्रदेश में बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप हो सकती है इसके अलावा रबी की फसल के इस मौसम में प्रदेश में बिजली की मांग काफी बढ़ी हुई है ऐसे में इन कर्मचारियों का यह आंदोलन सरकार को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

कर्मचारियों की मांगें…

 

First Published on: November 24, 2022 12:16 PM