आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मौत भी सरकार पर बेअसर!

सागर में मंत्री गोपाल भार्गव पहुंचे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच, मामले का हल निकालने का दिया आश्वासन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदेश सरकार के प्रति गुस्सा, सागर में मंत्रियों की गुमशुदगी की शिकायत भी की

भोपाल। प्रदेश में कई जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता धरना दे रहीं हैं। भीषण गर्मी में शामियानों के नीचे यह धरना बीते करीब डेढ़ महीने से जारी है। सागर में धरने के दौरान एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शहनाज़ बानो को हार्टअटैक आया और उनकी मौत हो गई। इससे पहले यहां करीब हफ्तेभर पहले ही एक अन्य कर्मचारी आंगनबाड़ी सहायिका पार्वती अहिरवार की भी मौत हो चुकी है।

इन मौतों के बाद भी सरकार की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को लेकर कोई बात शुरु नहीं की गई है।  जिस पर कांग्रेसी नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने पिछले दिनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बात की थी लेकिन इसके बाद ही सागर में हुई मौत पर दोनों ने सरकार के रवैये पर चिंता जताई है।

शाहबानों की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी कड़ी नाराज़गी दिखाई और उन्होंने शहनाज का शव रखकर प्रदर्शन शुरु कर दिया और वे सागर जिले के मंत्रियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच गईं। यहां उन्होंने गोपालगंज पुलिस थाने पहुंचकर सुरखी से विधायक और मंत्री गोविंद राजपूत, खुरई से विधायक और मंत्री भूपेन्द्र सिंह और रहली विधायक और मंत्री गोपाल भार्गव की गुमशुदगी का आवेदन थाना प्रभारी सतीष सिंह को दिया। हालांकि मंत्री गोपालभार्गव खुद मौके पर पहुंचे और उन्होंने इन कार्यकर्ताओं की बात सुनी और उनकी मांगे का हल निकालने का आश्वासन दिया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम मांग उन्हें शासकीय वेतनभोगी घोषित करने की है। इसके साथ ही वे अनुकंपा नियुक्ति की सुविधा देने, उम्र की सीमा को समाप्त करने आदि की मांग की है। इन मांगों को कांग्रेसी नेताओं ने सर्मथन दिया है। प्रदेश कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ ने इसके लिए भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिख चुके हैं।

आंगनबाड़ी कर्मचारी अब तक कई बार प्रदेश सरकार से अपनी इन मांगों को लेकर अपील कर चुकी हैं। नर्मदापुरम में तो यूथ कांग्रेस ने जेल भरो आंदोलन तक किया था जिसके बाद उन्हें जेल ले जाया रहा था और इस कार्रवाई का वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। वहीं 11 अप्रैल को जबलपुर की कार्यकर्ताओं ने डिंडौरी-जबलपुर मार्ग पर चक्काजाम भी किया था। 13 अप्रैल को सिलवानी में इन महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम पटेल को ज्ञापन सौंपा था लेकिन इस सबके बावजूद उन्हें सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिली है।

 

सागर की प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कर्मियों का कहना है कि सागर के दो नेता केंद्र सरकार में और तीन नेता राज्य सरकार में मंत्री हैं लेकिन उनके प्रदर्शन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ज़ाहिर है सरकार के इस रवैये से लोगों में नाराज़गी है।

आंगनबाड़ी कर्मियों के मुताबिक शहरी इलाकों में प्रदर्शन करने पर उन्हें अधिकारियों द्वारा परेशान भी किया जा रहा है और इसी वजह से ज्यादातर जिलों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों की कार्यकर्ता ही प्रदर्शन कर रहीं हैं। ये कार्यकर्ता शहरी इलाकों में ही प्रदर्शन कर रहीं हैं जहां नेता और अधिकारी इन्हें रोजाना देख तो रहे हैं लेकिन इनके लिए आवाज़ नहीं उठा रहे। सागर में धरने पर बैठीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं व कार्यकर्ताओं ने बीते दिनों गोपालगंज थाने में ज्ञापन दिया था कि जिले के मंत्री चोरी जो गए हैं। उन्हें ढूंढकर लाइए।

First Published on: April 16, 2022 12:01 PM