नौकरी हासिल करने के लिए हुए आंदोलनों का असर, शिक्षकों के पद में की गई बढ़ोत्तरी

शिक्षक भर्ती आंदोलन की अगुवाई करने वाले रंजीत गौर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सरकार उनकी मांगें सुन रही है लेकिन यह काफी नहीं...

शिक्षक भर्ती के पात्र अभ्यर्थी पिछले दिनों इंदौर पहुंचे थे

भोपाल। बेरोजगारी के खिलाफ लोगों में रोष है। इसके लिए इंदौर से शुरु हुआ आंदोलन अब पूरे प्रदेश में फैल चुका है और इसका असर भी दिखाई दे रहा है। प्रदेश में शिक्षक भर्ती में अब सरकार ने पद वृद्धि की है। मध्य प्रदेश  शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वर्ग 1 एवं वर्ग 2 में 2 विषयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की वैकेंसी उपलब्ध करा दी गई है जिसके कारण रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है।

इसके बाद शिक्षक भर्ती के लिए लगातार आंदोलन करने वाले अभ्यर्थी बेहद खुश हैं। वे कहते हैं कि उन्हें खुशी है कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर संज्ञान ले रही है। ये अभ्यर्थी पिछले करीब तीन वर्षों से लगातार अपनी नियुक्ति की मांग के लिए प्रदर्शन और आंदोलन करते रहे हैं। इनमें से कई ने तो अपनी प्राईवेट नौकरी छोड़कर स्थायी भर्ती के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में ही अपनी पूरी सेवाएं दी हैं।

यह नई खबर भोपाल में हुए भर्ती आंदोलन के ठीक अगले दिन आई है। इसके लिए औपचारिक सूचना जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षक नियोजन 2022 के क्रम में अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषय के लिए रिक्तियाँ उपलब्ध कराने के कारण इन विषयों के अभ्यर्थियों के लिए प्रोफाइल पंजीयन एवं दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा फिर शुरु हो रही है।

मध्यप्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों द्वारा लगातार रिक्त पदों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है। इसमें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं के उम्मीदवारों ने प्रदर्शन किया और भर्ती प्रक्रिया नियम अनुसार संचालित करने एवं सभी रिक्त पदों पर भर्ती करने की मांग की।

इंदौर में भर्ती सत्याग्रह हालही में शुरु हुआ था लेकिन यह पात्र अभ्यर्थी काफी पहले से लगभग हर हफ्ते ही अपनी नियुक्तियों के लिए प्रदर्शन करते रहे हैं। इसके बावजूद इनकी नियुक्ति मिलने में देरी होती रही है।

रंजीत गौर

शिक्षकों के इस आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले रंजीत गौर कहते हैं कि वे इस आंदोलन के लिए अपनी वैकल्पिक जीवनचर्या से जैसे हाथ धो बैठे हैं।

रंजीत और उनके साथी तकरीबन हर हफ्ते इसके नियुक्तियों के लिए धरना या कोई प्रदर्शन करते रहे हैं। इसके बाद जब सरकार ने नियुक्ति दी तो भी सफल अभ्यर्थियों में से कुछ को ही नौकरी मिल सकी।

इस समय तकरीबन 18 हजार अभ्यर्थी नौकरी भर्ती परीक्षा पास करने के बाद नौकरी का इंतज़ार कर रहे हैं।  हालांकि रंजीत कहते हैं कि यह पूर्ण सफलता नहीं है लेकिन उन्हें खुशी है कि उनका और साथियों का इतने वर्षों का संघर्ष अब रंग ला रहा है।

First Published on: October 11, 2022 1:21 AM