छत्तीसगढ़: बघेल सरकार का बड़ा फैसला, इस साल लागू होगा PESA कानून

मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि PESA एक विस्तृत नियम है। उसको कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब उसपर काम शुरू हो जाएगा।

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई बड़े फैसलों को लागू करने पर मुहर लगी है। इसके तहत बहुप्रतिक्षित PESA (अधिसूचित क्षेत्रों में पंचायतों का विस्तार) कानून को लागू करने का भी फैसला हो गया।

इसके साथ ही निवास प्रमाणपत्र के लिए छत्तीसगढ़ के किसी स्कूल में प्राइमरी में पढ़ा होना जरूरी कर दिया गया है। सरकार ने इस सीजन से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दाल खरीदने का भी निर्णय लिया है। कैबिनेट ने इसके नियमों को मंजूरी दे दी।

मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि PESA एक विस्तृत नियम है। उसको कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब उसपर काम शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह कानून अधिसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को सशक्त करेंगी। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी। समुदायों से कई दौर की चर्चा के बाद इसे तैयार किया गया है।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और राज्य में दलहनी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए दाल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है।

इस खरीफ सीजन में सरकार अरहर, उड़द और मूंग की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। इसके लिए जल्दी ही दिशा निर्देश जारी कर पंजीयन किया जाएगा। कृषि मंत्री ने बताया, इस साल 50 हजार मीट्रिक टन दलहन खरीदने का लक्ष्य तय हुआ है।

उन्होंने राज्य में निवास प्रमाण पत्र बनाने के नियमों में बदलाव संबंधी जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि इस तरह की शिकायतें थीं कि दूसरे प्रदेशों से आकर यहां बसे लोग भी पुराने नियमों का फायदा उठाकर निवास प्रमाणपत्र बनवा ले रहे थे।

अब किसी संस्था में प्रवेश के लिए अथवा सरकारी सेवा के लिए निर्धारित योग्यता के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य के किसी शैक्षणिक संस्थान से पहली, चौथी और पांचवी कक्षा की पढ़ाई का प्रमाण अनिवार्य कर दिया गया है।

अन्य मामलों में भी पहली, चौथी और पांचवी की परीक्षा शैक्षणिक योग्यता में जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले कक्षा आठवीं का प्रमाण मांगा जाता था।

 

First Published on: July 7, 2022 10:02 PM