धार जिले का विश्व बैंक के सामुदायिक भागीदारी सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के लिए हुआ चयन

जिले में प्रमुख हितधारकों से सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं जैसे सड़क सुरक्षा जागरूकता और शिक्षा प्रवर्तन, इंजीनियरिंग हस्तक्षेप और दुर्घटना के बाद देखभाल और आपातकालीन सेवा पर अध्ययन होगा।

dhar-road-safety

धार। अच्छी सड़कें, वाहनों की ओवर स्पीड, ट्रैफिक नियमों का पालन ना करना आदि वजहों से धार जिला समूचे प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रथम पायदान पर है। यही कारण है कि विश्व बैंक के सामुदायिक भागीदारी सड़क सुरक्षा कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु जिले का चयन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है।

कलेक्टर आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभागार में सड़क दुर्घटनाओं से लोगों को बचाने के लिए जरूरी इंजीनियरिंग, सड़क सुरक्षा कानूनों को लागू करवाना, लोगों को सड़क सुरक्षा हेतु शिक्षित करना और दुर्घटना पश्चात इलाज की व्यवस्था के बारे में संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में इन सभी बिंदुओं पर प्रेजेंटेशन दिया गया और जरूरत के मुताबिक सुझाव नोट किए गए। बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 14 स्थानों को ब्लैक स्पॉट चिन्हांकित किया गया है जिसमें रोड सेफ्टी ऑडर इंप्रूव करेगे।

कलेक्टर सिंह ने कहा कि इसके साथ जिले के अन्य क्रिटिकल स्थानों पर भी प्रोजेक्ट के तहत कार्य किया जाए जिससे उन सड़कों का भी बेहतर ट्रीटमेंट हो जाए। यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके तहत जिले में अधिक से अधिक कार्य किए जाएं।

इस प्रोजेक्ट में बदनावर, सरदारपुर, धामनोद, मनावर, कुक्षी तथा धरमपुरी में कार्य किया जाए। इसके साथ ही स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम के लिए भी एक कन्ट्रोल कमांड सेंटर बने। दुर्घटनाओं से बचाव और त्वरित सहायता के लिए कम्युनिटी हेल्थ सिस्टम की आवश्यकता है।

बताया गया कि सड़क उपयोगकर्ताओं के सभी वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक केंद्रित सड़क सुरक्षा विकसित करना है जिसमें कमजोर सड़क उपयोगकर्ता समूहों, जैसे पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और मोटरसाइकिल चालकों पर अतिरिक्त ध्यान दिया गया है।

संबंधित नागरिकों और समुदायों के समर्थन और भागीदारी के साथ योजना बनाई, विकसित और निष्पादित की जाएगी। कार्यक्रम का लक्ष्य स्थानीय समुदायों का सशक्तिकरण होगा और उन्हें अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने में सक्षम बनाना होगा।

यह परियोजना स्थानीय समुदायों को सड़कों और सड़क के किनारे की सुविधाओं की सुरक्षा के लिए शिक्षित और प्रोत्साहित करेगी। बता दें कि मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा प्राइसवाटरहाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड को “सामुदायिक भागीदारी सड़क सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए नियुक्त किया गया है।

जिले में प्रमुख हितधारकों से सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं जैसे सड़क सुरक्षा जागरूकता और शिक्षा प्रवर्तन, इंजीनियरिंग हस्तक्षेप और दुर्घटना के बाद देखभाल और आपातकालीन सेवा पर अध्ययन होगा।

एमपीआरआरडीए, एमपीपीडब्ल्यूडी, पुलिस विभाग स्वास्थ्य विभाग,शिक्षा विभाग, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और परिवहन विभाग जिले में सड़क सुरक्षा के मुद्दों और अवधारणाओं के बारे में निष्कर्ष निकालने के लिए डेटा का विश्लेषण करेंगे।

सीपीआरएसपी परियोजना के मुख्य बिंदु –

सड़क सुरक्षा जागरूकता और नागरिक जुड़ाव – 

सड़क सुरक्षा इंजीनियरिंग – 

दुर्घटना के बाद का आपातकालीन प्रबंधन – 

उल्लेखनीय है कि भारत में हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में लगभग एक लाख 50 हजार लोग मारे जाते हैं और पांच लाख घायल होते हैं। दुनिया में होने वाली दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में भारत की हिस्सेदारी करीब 11 फीसदी है।

First Published on: June 30, 2021 5:31 PM