इंदौर-दाहोद रेललाइन को 15 साल बाद अब इस बजट से मिलेगी रफ्तार

इससे लोगों को सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही साथ रोजगार के अवसर भी क्षेत्र में बढ़ जाएंगे जिससे आदिवासियों के अन्य जिले में पलायन पर रोक लगेगी।

indore dahod railline budget allocation

धार। केंद्र सरकार द्वारा 1 फरवरी 2023 को संसद में पेश किये गये बजट में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ, धार, अलीराजपुर जिलों में रेल लाइन के विस्तार पर खासा ध्यान दिया गया है और रेल बजट के तहत इंदौर दाहोद रेल लाइन के लिए 440 करोड और धार-अलीराजपुर वाया छोटा उदयपुर के लिये 100 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है।

बता दें कि इंदौर-दाहोद रेल लाइन का काम 2008 से प्रारंभ किया गया था, लेकिन बजट व काम की धीमी गति की वजह से यह रेल लाइन प्रोजेक्ट खटाई में पड़ता दिख रहा था, लेकिन पिछले साल बजट में इंदौर दाहोद रेल लाइन के लिये 263 करोड़ रुपये का प्रावधान कर टीही से धार के बीच टनल बनाने का काम प्रारंभ किया गया था।

कई छोटे-बड़े पुलों के टेंडर रेलवे द्वारा आमंत्रित किए गए थे। वहीं छोटा उदयपुर रेल लाइन पर छोटा उदयपुर से अलीराजपुर तक रेल लाइन प्रारंभ कर दी गई थी जिसके बाद से इस रेल लाइन पर निरंतर कार्य जारी रहा और वर्तमान में अलीराजपुर जिले के जोबट क्षेत्र तक रेल लाइन का विस्तार किया जा रहा है।

हालांकि, इंदौर दाहोद रेल लाइन के लिए दाहोद से झाबुआ तक महज 20 किलोमीटर तक ही कार्य किया गया। इसके बाद झाबुआ से धार तक रेल लाइन का कार्य बिलकुल भी नहीं किया गया। भूमि मुआवजा तक नहीं दिया गया।

ऐसे में इंदौर दाहोद रेल लाइन का सपना क्षेत्र के लोगों के लिए सपने के सामान हो गया था, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने एक बार फिर इस परियोजना के लिये 265 करोड़ रुपये रेल बजट में प्रावधान कर आदिवासी क्षेत्र झाबुआ और धार के लोगों में रेल लाइन के प्रति उम्मीद जगाने का काम किया है।

जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से मांग की गई थी की इस बजट राशि से झाबुआ की ओर से रेल लाइन बिछाने का काम प्रारंभ किया जाए ताकि दाहोद से झाबुआ के बीच रेल लाइन जल्दी से प्रारंभ हो।

इन रेल लाइन के बिछ जाने से झाबुआ, धार और अलीराजपुर जिलों का सीधा संपर्क गुजरात से हो जाएगा और इससे लोगों को सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही साथ रोजगार के अवसर भी क्षेत्र में बढ़ जाएंगे जिससे आदिवासियों के अन्य जिले में पलायन पर रोक लगेगी।

इस बजट में मध्यप्रदेश के कुल तीन रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए 1353 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है जिसमें रतलाम-महू-अकोला रेल लाइन का दोहरीकरण का काम भी शामिल है।

जामंदा में बनाया हेडक्वॉर्टर –

दरअसल इस काम का ठेका लेने वाली कंपनी ने अपना हेडक्वॉर्टर जामंदा के निकट एक खेत में बनाया है। प्लांट इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है। इसके बाद अर्थवर्क और अन्य निर्माण संबंधी काम शुरू होने की उम्मीद है।

सबसे पहले गुणावद से धार तक बचे अर्थवर्क का काम करने की बात रेलवे सूत्रों द्वारा कही जा रही है। इसके साथ ही टीही से गुणावद तक जहां निर्माण अधूरे हैं, उन्हें भी पूरा करने के लिए एक साथ काम होगा।

मनमोहन सिंह ने किया था भूमिपूजन –

इंदौर-दाहोद रेल परियोजना के साथ-साथ धार-छोटा उदयपुर रेल परियोजना का शिलान्यास आठ फरवरी 2008 को किया गया था। 13 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह शिलान्यास किया था।

उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि यह परियोजना तीन साल में पूरी हो जाएगी। क्षेत्र की यह पहली ऐसी परियोजना है जिसका भूमिपूजन प्रधानमंत्री ने किया और वह 15 साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। पिछले साल बजट मे 265 करोड़ रुपये मिले थे।

यह काम है निर्माणाधीन –

इंदौर दाहोद रेल परियोजना एक नजर में –

  1. इंदौर-दाहोद रेल परियोजना की लागत 1640 करोड़ रुपये आंकी गई है। हालांकि अब इसकी लागत और भी अधिक हो गई है।
  2. मार्च 2020 तक इस रेल परियोजना के तहत करीब 740 करोड़ रुपये खर्च भी किए जा चुके हैं।
  3. रेल परियोजना की लंबाई करीब 205 किलोमीटर है।
  4. 2020 में वर्ष के लिए बजट में 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
  5. 2021 में मात्र 20 करोड़, 2022 मे 265 करोड़ मिले थे जबकि 2023 मे 450 करोड़ रुपये मिले है।
First Published on: February 10, 2023 2:56 PM