प्रसिद्ध हार्ट व मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक जैन ने मधुमेह और मोटापे पर किया जागरूक

मधुमेह दिवसः डॉ. अशोक जैन ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा का प्राथमिक लक्ष्य व्यक्ति के अधिक वज़न को कम करना।

world diabetes day

धार। विगत कुछ वर्षों में बदलती जीवनशैली तथा आधुनिक संसाधनों में टीवी, मोबाइल तथा प्रोसेस्ड फ़ूड की उपलब्धता तथा अविकसित से विकासशील व फिर विकसित होता भारत चाहे-अनचाहे मोटापे व मधुमेह की तरफ़ बढ़ता जा रहा है। मधुमेह (डायबिटीज़) व मोटापे (ओबेसिटी) का इतना गहरा संबंध है कि एक नया शब्द “डायबीसिटी” प्रचलन में आ गया है।

जिले के प्रसिद्ध हार्ट व मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक जैन ने मधुमेह दिवस के अवसर पर रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कहीं। डॉ. जैन ने बताया कि जागरूकता से ही हम बच सकते हैं।

एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में मोटे व्यक्ति को मधुमेह होने का जोखिम 80 गुना ज़्यादा होता है। मोटापा इंसुलिन बनाने वाली पैंक्रियाज की बीटा सेल्ज़ को ख़राब करने व इन्सुलिन की कार्यक्षमता में कमी के लिए ज़िम्मेदार है।

मोटापे की वजह से इन्सुलिन प्रतिरोध बढ़ना व इन्सुलिन कार्य क्षमता में कमी होती है जिसकी वजह से उच्च रक्त शुगर (मधुमेह) का होना और रक्त में अधिक ग्लूकोस का फ़ैटी एसिड व फैट के रूप में शरीर के विभिन्न अंगों में संचित होकर पुन: मोटापा करता है।

इस तरह से यह एक शृंखला बन जाती है जिनमें मोटापा मधुमेह को व मधुमेह मोटापे को बढ़ावा देते हैं। एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. जैन ने कहा कि आजकल मधुमेह की आधुनिक चिकित्सा का प्राथमिक लक्ष्य व्यक्ति के ज़्यादा बढे हुए वज़न को कम करना है।

मधुमेह में मोटे व्यक्ति का वज़न कितना भी, कुछ भी घटे मधुमेह नियंत्रण में होना महत्वपूर्ण है। कई बार सिर्फ़ वज़न घटने से बिना दवाओं के भी मधुमेह नियंत्रण संभव हो सकता है।

मोटापे में वज़न घटने के परिणाम स्वरूप शुरुआती मधुमेह से छुटकारे के अवसर काफ़ी हैं जबकि वज़न घटना लंबी अवधि की मधुमेह नियंत्रण के लिए आवश्यक है।

वज़न घटाना व उस पर नियंत्रित रखना जरूरी –

मधुमेह चिकित्सा में वजन घटना महत्वपूर्ण है, भले ही वह जीवन शैली के बदलाव से हो, दवाइयों से हो या बैरियाट्रिक (पेट) की सर्जरी से हो। वज़न घटाने व नियंत्रण के उपरांत भी मधुमेह नियंत्रण में दवाओं व इन्सुलिन की आवश्यकता पड़ सकती है।

डॉ. जैन ने कहा कि जितना महत्वपूर्ण वज़न घटाना है उतना ही महत्वपूर्ण घटे हुए वज़न को नियंत्रित रखना है। वज़न घटाना व नियंत्रित रखना एक सामान्य प्रक्रिया नहीं है, इसके लिए जीवनशैली व व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव व नियमितता तथा उच्च संकल्पशक्ति अत्यधिक ज़रूरी है।

मधुमेही का मोटापा घटाने पर रक्तचाप, हृदयरोग व गुर्दे की जटिलताओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मोटापा मधुमेह से जुड़ी कई अन्य जटिलताओं जैसे उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, किडनी की ख़राबी, आर्थराइटिस व पैरों के घाव आदि के लिए भी ज़िम्मेदार है।

First Published on: November 14, 2022 9:23 AM