बारिश में नहीं होगा गेहूं खराब, भंडारण के लिए तैयार हुए प्लेटफॉर्म

जहां एक और गेहूं खरीदी शुरू है वहीं दूसरी ओर गेहूं रखने के लिए प्लेटफॉर्म का कार्य पूर्ण हो चुका है। उपार्जन की ख़रीदी के बाद गेहूं रखने के लिए यह प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जो गेहूं भंडार के लिए सर्वयुक्त सुविधाओं से लैस रहेंगे।

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धार। जहां एक और गेहूं खरीदी शुरू है वहीं दूसरी ओर गेहूं रखने के लिए प्लेटफॉर्म का कार्य पूर्ण हो चुका है। उपार्जन की ख़रीदी के बाद गेहूं रखने के लिए यह प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जो गेहूं भंडार के लिए सर्वयुक्त सुविधाओं से लैस रहेंगे।

इससे बारिश के पानी में भी यह गेहूं सुरक्षित रहेगा। वहीं जिले में भंडार हो जाएगा। अन्य जिलों में गेहूं पहुंचाने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। दूसरी तरफ गेहूं खरीदी को लेकर अफसरों को भी निर्देश दे दिए गए हैं।

खरीदी केंद्रों पर गेहूं भंडारण, बारदानों और परिवहन की संपूर्ण व्यवस्था के लिए भी निर्देशत किया गया था। जिले में 109 केंद्रों पर ख़रीदी चल रही है व कुछ केंद्रों पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा खरीदी की जाएगी। साथ ही पूर्व उपार्जन के लिए केप के नए प्लेटफॉर्मों का कार्य पूर्ण करने के लिए कहा गया है।

कुछ दिनों पूर्व उपार्जन भंडारण की तैयारियों के संबंध में बैठक कलेक्टर सभाकक्ष में सम्पन्न हुई थी, जिसमें कलेक्टर आलोक सिंह ने निर्देश दिए थे कि 15 मार्च के पूर्व उपार्जन के लिए केप के नए प्लेटफॉर्मों का कार्य पूर्ण करे लें।

जिले में 60 नए केप बनाए जा रहे हैं। वहीं प्लेटफॉर्म 500 व 1500 मीट्रिक टन की क्षमता वाले हैं। नए केप में 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक फसल रखने की क्षमता रहेगी। वहीं जिले के वेयर हाउस को उपार्जन केन्द्र के रूप में कार्य में लिया जा रहा है।

केप निर्माण में रखा गया है इन बातों का ध्यान –

कलेक्टर ने दिए ये निर्देश – 

कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि उपार्जन केन्द्रों पर सभी मूलभूत सुविधाएं आवश्यक रूप से रहें। सभी उपार्जन केंद्रों पर बारिश को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्था भी की जाए। उपार्जन केन्द्रों पर प्रत्येक सेंटर पर रोजाना कितना उपार्जन हुआ उसकी नियमित जानकारी भेजें।

उन्होंने उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं भंडारण, बारदानों और परिवहन की सम्पूर्ण व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि उपार्जन केंद्रों पर टेंट की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था और टॉयलेट की व्यवस्था करें।

उपार्जन केन्द्रों पर भीड़ न लगे इसकी व्यवस्था करें। किसी भी तरह से किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

साइलो बैग से हो रही खरीदी –

बता दें कि जिले में दो जगह सॉयलो बैग से खरीदी हो रही है, जिससे किसानों को काफी हद तक राहत मिल रही है। वहीं सायलो बैग से किसानों को ज्यादा समय तक केंद्रों पर खड़ा नहीं होना पड़ रहा है। वह आसानी से ट्रॉली खाली करने पर गेहूं तुलवाई कर रहे हैं। वहीं सॉयलो बैग के साथ प्लेटफॉर्म भी तैयार हो गए हैं।

First Published on: April 9, 2021 5:08 PM