इंदौर। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहने वाले कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए कहा है कि संतों के प्रति थोड़ा सा लिबरल रहना चाहिए। कालीचरण महाराज को समझाया भी जा सकता था। इस तरह कानून का इस्तेमाल करना गलत है।
कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान विजयवर्गीय ने यह भी माना कि कालीचरण की भाषा संयमित होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि संतों के बारे में टीका-टिप्पणी करना ठीक नहीं। भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगे और वहां पीठ थपथपाने के लिए राहुल गांधी गए। जब भारत के खिलाफ कोई टिप्पणी करे तो आप पीठ थपथपाओगे और कोई व्यक्ति अपने दिल के जज्बात कहे, तो उनके लिए बोलने का अधिकार सुरक्षित नहीं है।
#WATCH | Opposition leaders like Rahul Gandhi pat the back of people who raise slogans of 'Bharat ke tukde honge, inshallah', so why is freedom of speech not reserved for someone to express feelings?: BJP national secy Kailash Vijayvargiya, on Kalicharan Maharaj's arrest (03.01) pic.twitter.com/gFZqDQECZ0
— ANI (@ANI) January 4, 2022
बता दें कि कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस खजुराहो से गिरफ्तार करके ले गई थी। उस वक्त गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इंटर स्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। उन्हें सूचना देनी चाहिए थी।
हालांकि, मध्यप्रदेश के गृहमंत्री मिश्रा के आरोपों पर जवाब देने की बजाय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उलटा उनसे सवाल करते हुए कहा था कि पहले आप बताएं कि आप खुश हैं या दुखी।
रायपुर में आयोजित धर्म संसद के समापन के दिन महाराष्ट्र से आए कालीचरण महाराज ने मंच से गांधीजी के बारे में गलत बातें कहीं थीं। उन्होंने कहा था कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिये राष्ट्र पर कब्जा करना है। सन् 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।