सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में भी मां को गोद में लेकर पहली मंज़िल तक चढ़ा बेटा

जब मनीष अपनी मां को गोद में उठाकर डॉक्टर के पास ले गए और फिर जब अगली मंजिल पर ले जा रहे थे तो अस्पताल कर्मी और डॉक्टर उन्हें खड़े होकर देख रहे थे।

इंदौर। महू के शासकीय मध्य भारत अस्पताल में अव्यवस्थाएं और लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। गुरुवार शाम यहां एक व्यक्ति को अपनी 75वर्षीय मां को अस्पताल की पहली मंजिल तक ले जाने के लिए अपनी पीठ पर उठाना पड़ा। ऐसा नहीं है कि अव्यवस्था पहली बार ही नजर आई हो। कुछ दिन पहले ही बम ब्लास्ट की घटना के बाद जब यहां लोग  अपने घायलों को लेकर यहां पहुंचे थे तब भी यहां पर्याप्ट स्टाफ नहीं था।

गुरुवार को शांति नगर से आई 75 वर्षीय धन बाई को उनके पुत्र मनीष दांगी को तल मंजिल से लेकर पहले तो डॉक्टरों के रूम तक गोदी में लेकर गए तो डॉक्टर ने मरीज़ को भर्ती करने के लिए पहली मंजिल पर भेजा। यहां भी मनीष को अपनी मां को उसी तरह पीठ पर लेकर जाना पड़ा। इस दौरान मनीष का पैर भी सीड़ियों से फिसला लेकिन किसी तरह वह संभल गए। वे कहते हैं कि उनकी पीठ पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी ऐसे में वे फिसलने का जोखिम भी नहीं ले सकते थे।

मनीष की इस बात पर भी अस्पताल के कर्मचारियों को अपनी ज़िम्मेदारी का भान नहीं हुआ। यहां वे तमाम ज़िम्मेदार खड़े थे लेकिन चुपचाप देख रहे थे न तो कोई इंतजाम कर रहा था और न ही कोई दूसरी मदद।

कुछ दिन पहले 14 अगस्त को बेरछा में हुए बम कांड के बाद करीब 15 घायलों को यहां लाया गया तो मात्र एक ड्यूटी चिकित्सक मौजूद थे। इसके बाद आनन-फानन में चिकित्सक प्रभारी डॉ हंसराज वर्मा तथा एक अन्य चिकित्सक डॉ संजय जैन मौके पर पहुंचे और घायलों का उपचार किया जबकि नियमानुसार मौजूद सभी चिकित्सकों को महू शहर में रहना चाहिए और  तत्काल अस्पताल पहुंचना चाहिए था। डॉक्टरों के अलावा अस्पताल स्टाफ वा अन्य कर्मचारी भी मौजूद नहीं थे। ब्लास्ट जैसी घटना के बाद भी पट्टी करने के लिए कर्मचारी को भी फोन कर 1 घंटे बाद बुलाया गया।

उल्लेखनीय है कि बम घटना में 15 लोग गंभीर घायल हुए थे जिन्हें इन तीन चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार कर अन्य अस्पतालों पर भेज दिया। जहां उनकी स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई है जानकारी के अनुसार इस अस्पताल में उपलब्ध ऑपरेशन थिएटर भी तत्काल नहीं खोला गया। जिसका उपचार नहीं किया जा सका था। अस्पताल में स्थिति इतनी गंभीर की पांच गंभीर रोगियों को वाहन से उतारा ही नहीं गया और दूसरे अस्पताल भेज दिया गया।

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एसपी शशिकांत कंकने एसडीएम अक्षत जैन, तहसीलदार अभिषेक शर्मा भी मौजूद थे अभिषेक शर्मा ने काफी मशक्कत कर स्थिति को संभाला। इस संबंध में जब इस संबंध में जब प्रभारी डॉ हंसराज वर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसी घटना के समय शहर में मौजूद सभी चिकित्सकों व कर्मचारियों को तत्काल अस्पताल में उपस्थित होना चाहिए था, हमने सभी को कॉल भी किया लेकिन कोई नहीं आया।

वहीं ऐसे अक्षत जैन ने कहा कि उस समय सभी चिकित्सक शासकीय चिकित्सकों को मौजूद होना चाहिए था लेकिन हमारी प्राथमिकता उस समय घायलों को उपचार करने की थी लेकिन अब जल्दी ही इस संबंध में प्रभारी व अन्य चिकित्सकों से जवाब मांगा जाएगा।

First Published on: August 19, 2022 8:27 AM