इंदौरः कृषि बिलों के विरोध में किसान संगठनों ने दिया धरना, मंडियों में चलाएंगे जनजागरण

धरने का आयोजन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति,  इंदौर इकाई से जुड़े किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान खेत मजदूर संगठन, एटक, एचएमएस सहित अन्य किसान संगठनों और मजदूर संगठनों ने किया था।

इंदौर। किसान आंदोलन के सर्मथन में इंदौर में भी प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान  पर हुआ। धरना स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि आजादी के बाद देश में पिछले 18 दिनों से अभूतपूर्व किसान आंदोलन चल रहा है।

यहां बताया गया कि पांच दौर की वार्ता असफल होने के बाद मोदी सरकार और भाजपा के नेता इस किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिशें कर रही है। आंदोलन में शामिल किसानों फूट डालने की भी कोशिश हो रही है। जिसे किसानों ने नाकाम कर दिया है और तीनों कृषि बिल वापस नहीं लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।

धरने का आयोजन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति,  इंदौर इकाई से जुड़े किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान खेत मजदूर संगठन, एटक, एचएमएस सहित अन्य किसान संगठनों और मजदूर संगठनों ने किया था।  धरने का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, अरुण चौहान, हराम सूर्यवंशी, प्रमोद नामदेव, एसके दुबे, अजय यादव आदि ने किया।

धरना स्थल पर हुई सभा को सर्वश्री अरविंद्र पोरवाल, रूद्र पाल यादव, अजीत पवार, राजेंद्र अटल, अरुण चौहान, रामस्वरूप मंत्री, नेहा दुबे, जय प्रकाश गुगरी, हरिओम सूर्यवंशी, सोहनलाल शिंदे, भागीरथ कछवाहा, छेदी लाल यादव,राजेन्द अटल आदि ने संबोधित किया।

सभा का संचालन कैलाश लिम्बोदिया ने किया। धरने के पश्चात सभी कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां प्रदर्शन के बाद स्टेशन सुपरिटेंडेंट के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। जिसमें मांग की गई है कि तीनों कृषि विधेयक तत्काल वापस लिए जाएं तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाया जाए साथ ही किसानों को लागत से डेढ़ गुना कीमत दिए जाने की व्यवस्था की जाए।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से भरत सिंह यादव, अकबर अहमद, शफी शेख, रामबाबू अग्रवाल, माता प्रसाद मौर्य, रामकिशन मौर्य,अंचल सक्सेना, सालिगराम पाल सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे ।

First Published on: December 14, 2020 10:28 PM